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गांधी परिवार केवल डायलॉगबाजी करता है, रायबरेली के लिए कुछ नहीं किया: अदिति सिंह

 

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नई दिल्ली। यूपी की रायबरेली सदर सीट पर सपा, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। शनिवार को यहां बीजेपी और भाजपा के बीच घमासान दिखा। भाजपा नेता अदिति सिंह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि गांधी परिवार केवल डायलॉगबाजी करता है। अदिति यहीं नहीं रुकी, उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने रायबरेली के लिए कुछ नहीं किया है।  

सिंह ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की भी प्रशंसा की, जिन्होंने अधिकारियों को रायबरेली में एक ओपीडी स्थापित करने का निर्देश दिया, जिसने कोविड -19 महामारी के दौरान रोगियों के लिए अस्पताल के बिस्तर की व्यवस्था सुनिश्चित की। अदिति सिंह ने कहा, "प्रियंका गांधी वाड्रा जो अब रायबरेली की मदद करने की बात कर रही हैं, संकट के समय कभी भी जिले का दौरा नहीं किया।"

रायबरेली विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी ने आगे कहा, "भाई-बहन की जोड़ी [राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा] हर चुनाव में वही पुराना बयान देती हैं और फिर दिखाने की भी जहमत नहीं उठाती."

अदिति सिंह ने कहा, "कांग्रेस के पास करने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए वे रायबरेली में किए गए किसी भी काम का श्रेय लेते हैं।" सिंह ने आगे कांग्रेस नेताओं से पूछा कि पिछले 60 वर्षों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कितनी बार रायबरेली का दौरा किया। अदिति सिंह ने आगे कहा कि डायलॉग से कुछ नहीं होगा। लोग सब कुछ जानते हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनावों में भाजपा रायबरेली जिले की अधिकांश विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी। अदिति सिंह ने कहा, "रायबरेली में मूक मतदाता भी भाजपा को वोट देगा। भाजपा यह चुनाव जीतेगी। ध्रुवीकरण की कोई जरूरत नहीं है। भाजपा सरकार ने उम्मीदों से परे काम किया है।" 

बता दें कि यूपी की रायबरेली सदर सीट  कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। दिवंगत कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह यहां से पांच बार विधायक रहे। अखिलेश की बेटी अदिति सिंह इस बार भाजपा की उम्मीदवार हैं, जो कि कांग्रेस की विधायक थीं। 

रायबरेली सदर सीट अदिति सिंह के पिता का गढ़ माना जाता है।

अखिलेश सिंह कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर रायबरेली सदर से तीन बार जीते। 2007 में निर्दलीय और 2012 में पीस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। वह भले ही कांग्रेस से दूर चले गए, लेकिन कभी भाजपा में शामिल नहीं हुए। हालांकि, उनकी बेटी पिछले साल कांग्रेस विधायक के रूप में चुने जाने के बाद भाजपा में शामिल हो गई थीं। यूएस में पढ़ी-लिखी अदिति सिंह को 2017 में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनावी मैदान में उतारा था। कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन में रिकॉर्ड 1,28,319 वोटों से सीट जीती थी।

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