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चैत्र माह: इस महीने भूलकर भी न करें ये काम, हो सकता है बड़ा नुकसान

 

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surajvarta.in
धर्म-आस्था डेस्क

आज रविवार, 20 मार्च 2022 है। चैत्र महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान मां दुर्गा की आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है. अनेक पावन पर्व इस मास में मनाए जाते हैं. चैत्र मास की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में होती है, इसी कारण इस महीने का नाम चैत्र पड़ा.

होलिका दहन यानी फाल्गुन माह की पूर्णिमा के अगले ही दिन से चैत्र महीना शुरू हो जाता है. इस बार 18 मार्च से ये महीना शुरू हो चुका है. हिंदू वर्ष का पहला मास होने के कारण चैत्र का बहुत अधिक महत्व होता है. अनेक पावन पर्व इस मास में मनाए जाएंगे. चैत्र मास की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में होती है, इसी कारण इस महीने का नाम चैत्र पड़ा.

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हर महीने की तरह इस महीने का भी विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस महीने वसंत ऋतु का अंत होता है और ग्रीष्म ऋतु आरंभ होती है. चैत्र माह में ही सबसे पावन पर्व नवरात्रि पड़ती है. इस दौरान मां दुर्गा की आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है. इसके अलावा इस माह में कुछ चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि इस महीने गुड़ और मिश्री का सेवन निषेध होता है. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है इसके पीछे की वजह...

*चैत्र माह में क्यों नहीं खाते गुड़ और मिश्री?*
चैत्र माह में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं और व्रत के दौरान नमक का सेवन नहीं किया जाता. ऐसे में लोग ज्यादातर मीठी चीजों का सेवन करते हैं. गुड़ और मिश्री अत्यधिक मीठी होती हैं. इन दो मीठी चीजों का सेवन व्यक्ति के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है. इसलिए अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए उसे इन दो चीजों के अलावा मीठी चीजों से परहेज करना चाहिए.

*इन फलों का सेवन*
चैत्र का महीने में सर्दियां जाती हैं और गर्मियां आने लगती हैं. ऐसे में इस दौरान खट्टे फलों का सेवन करने से आपकी तबीयत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. तो इस दौरान साधारण भोजन का सेवन करें.

*इन चीजों का भी ना करें सेवन*
इस दौरान व्यक्ति को अधिक मिर्च मसालों और बासी भोजन का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए. इससे आपकी सेहत और भी बिगड़ सकती है.

*इन चीजों का करें सेवन*
चैत्र माह में शीतला माता के साथ नीम की पूजा की जाती है. प्रसाद रूप में भी नीम की पत्तियां खाई जाती हैं. इसके अलावा मौसम बदलने की वजह इस महीने कई बीमारियां भी होती हैं. ऐसे में नीम के पत्ते आदि का सेवन शरीर में वात-पित्त-कफ का संतुलन बेहतर बनाए रखता है. शीतला माता को रोगाणुओं का नाशक माना गया है. ऐसे में इस माह शीतला माता की पूजा करना और नीम की पत्तियों का सेवन लाभकारी माना गया है.

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चैत्र माह 2022 के व्रत और त्योहार

  • 21 मार्च, सोमवार- भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी
  • 25 मार्च, शुक्रवार- बसोड़ा, शीतला अष्टमी
  • 28 मार्च, सोमवार- पापमोचिनी एकादशी
  • 29 मार्च, मंगलवार- प्रदोष व्रत
  • 30 मार्च, बुधवार- मासिक शिवरात्रि
  • 01 अप्रैल, शुक्रवार- चैत्र अमावस्या
  • 02 अप्रैल, शनिवार- चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ, घटस्थापना या कलश स्थापना, मां शैलपुत्री पूजा, गुड़ी पड़वा
  • 03 अप्रैल, रविवार- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  • 04 अप्रैल, सोमवार- गणगौर, गौरी पूजा, मां चन्द्रघंटा पूजा
  • 05 अप्रैल, मंगलवार- विनायक चतुर्थी, मां कुष्मांडा पूजा
  • 06 अप्रैल, बुधवार- स्कंद षष्ठी, मां स्कन्दमाता पूजा
  • 07 अप्रैल, गुरुवार- यमुना छठ, मां कात्यायनी पूजा
  • 08 अप्रैल, शुक्रवार- महासप्तमी, मां कालरात्रि पूजा
  • 09 अप्रैल, शनिवार- महाष्टमी, कन्या पूजा, मां महागौरी पूजा, दूर्गा अष्टमी
  • 10 अप्रैल, रविवार- राम नवमी, श्रीराम जन्मोत्सव
  • 11 अप्रैल, सोमवार- नवरात्रि पारण
  • 12 अप्रैल, मंगलवार- कामदा एकादशी
  • 14 अप्रैल, गुरुवार- मेष संक्रांति, प्रदोष व्रत, हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ
  • 16 अप्रैल, शनिवार- हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा

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