एक्जिट पोल से लगा रहे हार-जीत के कयास
मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
क्षेत्र में 10 मार्च को सुबह शुरू होने वाले मतगणना को लेकर राजनीतिक चर्चाएं फिर से चरम पर पहुंच गई हैं। लोगों में प्रत्याशियों की हार-जीत को लेकर कयास और शर्त लगाने का दौर भी शुरू हो गया है। इस बीच चुनावी अखाड़े में उतरे प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की धड़कनें भी तेज होती जा रही हैं। साथ ही मतगणना साफ सुथरी हो इसके इसके लिए मतगणना एजेंटों को सतर्क रहने का पाठ भी पार्टियों द्वारा पढ़ाया जा रहा है। सोमवार व मंगलवार को टीवी चैनलों में दिखाए गए एक्जिट पोल के अनुमानों से सभी दलों के प्रत्याशियों में खलबली मची है, वहीं सत्ताधारी भाजपाइयों के चेहरे खिले नजर आने लगे हैं। यूपी में विधानसभा चुनावों के सात चरण निपटने के बाद गुरुवार को मतगणना होनी है, जिस पर चुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की निगाहें टिकी हैं।आम जनता में किसकी बनेगी सरकार और कौन होगा विधायक का गणित भिड़ाया जाने लगा है।
दरअसल मेजा व कोरांव में 27 फरवरी को मतदान होने के बाद मेजा से भाजपा की प्रत्याशी नीलम करवरिया,सपा से संदीप पटेल और बसपा से बाबा तिवारी तथा कोरांव से भाजपा प्रत्याशी राजमणि कोल , सपा के रामदेव निडर, बसपा के राजबली जैसल व कांग्रेस के रामकृपाल कोल सहित अन्य प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम मशीनों में कैद हो गया था। गहमागहमी के बीच हुए चुनाव प्रचार,जनसंपर्क और भारी मतदान के बाद प्रत्याशियों और आम लोगों के बीच चुनावी अखाड़े में हार जीत के कयास के दौर शुरू हो गए हैं। प्रत्याशियों और समर्थकों की धड़कने तेज हो गई हैं।कल के मतगणना में किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार इसी विषय पर आज दिन भर लोगों में चर्चा खासे आम रही।चुनाव के पहले और चुनाव के बाद तक जो तर्क वितर्क लगा रहे थे। वे विभिन्न चैनलों द्वारा दिखाए एक्जिट पोल के बाद नरम हो गए और योगी को अच्छा मुख्यमंत्री बताते नहीं चूक रहे हैं।बात हो रही है कि हमारा जो काम था वोट देना हमने दे दिया।चाहे जीते चाहे हारे।फिलहाल एक्जिट पोल को देखकर सपा प्रत्याशियों और समर्थकों ने अभी भी जीत की उम्मीद किए कार्यकर्ताओं का हौसला अफजाई कर रहे है।अब देखने वाली बात यह होगी कि गुरुवार को किसकी किस्मत का पिटारा खुलेगा और किसकी होगी होली।फिलहाल आज दिन भर जीत हार का सिलसिला जारी रहा।