नई दिल्ली। युक्रेन में फंसे भारतीय नागरिक गगन ने अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि-मैं एक भारतीय नागरिक हूं, भारत जा सकता हूं, लेकिन मेरी पत्नी नहीं जा सकती. मेरी पत्नी यूक्रेनी है और हमें यह कहा गया है कि सिर्फ भारतीयों को वहां से निकाला जायेगा. मैं अपने परिवार को यहां छोड़कर नहीं जा सकता. मेरी पत्नी आठ माह की गर्भवती है, वह पोलैंड जा रही है. अभी हम लवीव में अपने एक दोस्त के यहां शरण लिये हुए हैं.
गगन वर्षों से यूक्रेन में रह रहे हैं और उन्होंने वहां अपना परिवार बसा लिया है. यूक्रेन उनके लिए घर की तरह है. उनकी पत्नी भी एक यूक्रेनी महिला है. ऐसे में उनके लिए यूक्रेन को छोड़कर वापस आना संभव नहीं हो पा रहा है.
10 लाख से अधिक लोगों ने छोड़ा कीव
यूक्रेन पर रूसी हमले के 11वें दिन भी युद्ध खत्म होने की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है, दोनों देश एक दूसरे को धमकाने का ही काम कर रहे हैं. इधर आंकड़ों की मानें तो अबतक 10 लाख से अधिक लोग कीव छोड़कर जा चुके हैं. भारतीयों को आपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से बाहर निकाला जा रहा है और अबतक 15 हजार से अधिक नागरिक निकाले जा चुके हैं.
आज यू्क्रेन के एक अधिकारी ने कहा है कि अप्रत्याशित रूसी गोलाबारी जारी रहने की वजह से आज यूक्रेन के एक बंदरगाह शहर से रविवार को लोगों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने की योजना सफल नहीं हो सकी. वहीं, अधिकारियों ने रूस को यूक्रेन की राजधानी के नजदीक अन्य निकासी मार्ग निर्धारित करने के लिए सहमत करने की कोशिश की है. यूक्रेन के सैन्य अधिकारियों ने दिन में कहा था कि मारयूपोल शहर में रह रहे लोगों के पूर्वाह्न 10 बजे से रात नौ बजे तक स्थानीय संघर्ष विराम के दौरान वहां से सुरक्षित रूप से बाहर निकलने की उम्मीद है।