प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज की 12 विधानसभाओं में सात विधानसभा सीटों पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। सबकी निगाहें रिजल्ट घोषित होने पर टिकी हुई हैं। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के तहत पांचवें चरण में 27 फरवरी को प्रयागराज परिक्षेत्र यानी प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी की 22 सीटों के लिए मतदान हुआ था। इस बार भी कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। प्रयागराज में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ ही करछना से सपा प्रत्याशी कुंवर उज्जवल रमण सिंह के लिए दोबारा मैदान मारने की चुनौती होगी। बसपा सरकार में मंत्री रह चुके राकेश धर त्रिपाठी भी इस बार अपना दल (एस) से मैदान में हैं। लोगों में उत्सुकता भी है। हालांकि जीत-हार का फैसले के बीच सिर्फ एक दिन की दूरी है। 10 मार्च को मतगणना के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। कौशांबी में सिराथू विधानसभा सीट से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ीं अपना दल (कमेरावादी) नेत्री पल्लवी पटेल से मुकाबला रहा। इसी जिले की मंझनपुर सीट से पूर्व मंत्री इंद्रजीज सरोज ने भी सपा प्रत्याशी के रूप में ताल ठोका। प्रतापगढ़ में रघुराज प्रताप सिंह (राजा भइया) के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा मोना और पट्टी में मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती का चुनाव नतीजा उत्सुकता का सबब रहेगा। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में तीनों ही जिलों में भगवा लहर दौड़ी थी। प्रयागराज की 12 में आठ सीटें भाजपा व एक सहयोगी अपना दल (एस) के खाते में गई थी। प्रतापगढ़ में कुंडा, रामपुर और बाबागंज को छोड़कर शेष चारों सीटों पर भाजपा व सहयोगी दल जीते थे। कौशांबी की तीनों सीटों पर भगवा परचम लहराया था। इस बार कुछ खास सीटें हैं जिस पर सबकी नजर है। खासकर कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट सबसे हाट है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भाजपा की टिकट से मैदान में उतरे। केशव के सामने न सिर्फ कौशांबी की तीन सीटें बल्कि प्रयागराज परिक्षेत्र के साथ ही आसपास के अन्य जिलों की सीटों पर भी पार्टी को जीत दिलवाने की चुनौती है। पल्लवी पटेल अपना दल कमेरावादी पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। ऐसे में जीत हार उनके राजनीतिक भविष्य को जरूर प्रभावित करेगी। उनकी मां प्रतापगढ़ सदर से हैं। दोनों सीटों के लिए आने वाला नतीजा यह भी तय कर देगा कि अपना दल के संस्थापक डा. सोनेलाल पटेल का राजनीतिक वारिस कौन है? मंझनपुर से सपा प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज बसपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। पिछला चुनाव वह हार गए थे। इस बार उनके सामने जीत की चुनौती होगी। प्रयागराज में इलाहाबाद पश्चिमी से मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के सामने सपा ने एक बार फिर ऋचा सिंह पर दांव लगाया। टिकट को लेकर आखिरी क्षणों में हुई रस्साकशी किस करवट बैठेगी, यह नतीजा बताएगा। शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता के लिए भी दोबारा मैदान मारने की चुनौती है। इस बार सपा ने यहां से नए प्रत्याशी रईश चंद्र शुक्ला को उतारा। करछना से उज्ज्वल रमण सिंह के सामने फिर पीयूष रंजन निषाद रहे। उज्ज्वल रमण सिंह के पिता व राज्य सभा सदस्य कुंवर रेवती रमण सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। पूर्व मंत्री राकेश धन त्रिपाठी प्रतापपुर सीट से अपना दल एस के प्रत्याशी हैं। पिछली बार उनकी पत्नी प्रमिला त्रिपाठी हंडिया से लड़ीं थी लेकिन दूसरे स्थान पर रहीं।