मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
मेजा में पानी की किल्लत विकराल रुप में दिखाई दे रही है।एक तरफ पेयजल को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ एक-दो बार की सिंचाई के अभाव में खेतों में खड़ी प्याज की फसल भी बर्बाद होने के कगार पर है। प्याज उत्पादक मौजा-श्यामनगर के किसान अमरनाथ पटेल, सुनील कुमार, दिनेश कुमार,धनराजी देवी, राधेश्याम आदि ने बताया कि सिंचाई के लिए हरदिहा राजबाहा में पानी न खोले जाने के कारण प्याज की खेती बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गयी है। जिससे किसानों द्वारा की गई मेहनत व लागत नष्ट हो जायेगी। एक तरफ शासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि किसानों की आय में इजाफा किया जाय,तो दूसरी तरफ़ यदि किसानों द्वारा आय में इजाफा करने की नीयत से गेहूं, धान से इतर फसल का उत्पादन करने हेतु प्रयास किया गया तो मुंह की खानी पड़ती है। जीता-जागता उदाहरण है कि हरदिहा राजबाहा से सटे हुए बसहरा,सींकीकला,सींकीखुर्द,भोजपुरवा,डाबर, हरदिहा,लालतारा, सहित दर्जनों गांवों के किसानों द्वारा सैकड़ों बीघे में प्याज की खेती की गई है किन्तु दो बार की सिंचाई के अभाव में तैयार होती फसल नष्ट होने के कगार पर है। ग्रामीणों को शासन से अपेक्षा है कि यदि अप्रैल माह में नहर में पानी खुलवा दिया जाय तो सूखे पड़े तालाबों में भी पानी का भराव हो जायेगा जिससे गांव का जलस्तर भी बढ़ेगा और मवेशियों को भी पानी के संकट से छुटकारा के साथ ही प्याज की भी सिंचाई हो सकेगी।