मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का बुल्डोजर सरकारी जमीनों के अतिक्रमणकारियों पर काल बनकर दौड़ रहा है। मेजा तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांवों के तालाबों पर अतिक्रमणकारियों से परेशान ग्रामीणों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन शीघ्र न्याय मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाई है।
रामनगर निवासी राजेन्द्र प्रसाद बिंद पुत्र स्वर्गीय रामनाथ बिंद ने तालाब संख्या 1501 पर अतिक्रमण की शिकायत एसडीएम मेजा व तहसील दिवस में कई बार किया। अधिकारियों द्वारा आदेश होता रहा। राजस्व टीम एवं पुलिस बल द्वारा तालाब संख्या 1501 को कई बार अतिक्रमण मुक्त कराया गया। लेकिन अतिक्रमणकर्ता द्वारा बार-बार नांद, चन्नी रखकर, खूंटा गाड़ कर व झोपड़ी लगाकर पुनः अतिक्रमण कर लिया जाता है। जबकि एसडीएम के आदेश पर 1 नवंबर 2011 में अतिक्रमण हटाया गया था। 13 नवंबर 2011 को पुनः अतिक्रमण कर लिया गया। दोबारा कार्रवाई करते हुए एसडीएम के आदेश पर लेखपाल व पुलिस बल के साथ 27 नवंबर को अतिक्रमण हटाया गया। कुछ दिन बाद ही पुनः अतिक्रमण कर लिया गया। तीसरी बार कार्रवाई करते हुए एसडीएम मेजा के आदेश पर 16 सितंबर 2014 को लेखपाल की प्राथमिकी पर अतिक्रमणकारियों पर आख्या प्रस्तुत करने का फरमान जारी किया, जिसका पालन आज तक नहीं हुआ। चौथी बार कार्रवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस बल एवं तहसीलदार मेजा द्वारा 17 नवंबर 2017 को अतिक्रमण हटाया गया। पुनः अतिक्रमणकारियों ने कुछ दिन बाद अतिक्रमण कर लिया। पांचवी बार एसडीएम मेजा व मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई फिर भी अतिक्रमणकारियों पर कोई असर नहीं पड़ा। वादी का आरोप है कि खुदाई न होने के कारण अतिक्रमण करता बार-बार अतिक्रमण कर लेते हैं। अतिक्रमण करने वाले लोग अपराधिक प्रवृत्ति के हैं और आए दिन यह लोग झगड़े पर आमादा हो जाते हैं पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देते हैं।
गौरतलब हो कि बार-बार अतिक्रमण करने के पीछे पूर्व प्रधान का वरदहस्त हासिल होना रहा है तो वहीं इलाकाई पुलिस और तहसील कर्मियों की लापरवाही रही है।
फिलहाल वाली ने उक्त शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में करने का मन बनाते हुए बताया कि तहसील प्रशासन लापरवाही बरत रही है जिससे किसी भी समय खूनी संघर्ष हो सकता है।