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क्षेत्रीय दलों को लेकर राहुल गांधी के बयान पर विवाद

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नई दिल्ली। क्षेत्रीय दलों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल (सेक्युलर) ने आलोचना की है। आरजेडी ने कहा कि कांग्रेस नेता के दावे ‘अजीब’ हैं और ये उनकी खुद की पार्टी के रुख से मेल नहीं खाते।

आरजेडी प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि क्षेत्रीय दल बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में लोकसभा में बड़ी संख्या में सीटों के साथ मजबूत स्थिति में हैं और कांग्रेस को लोकसभा की 543 सीटों में से 320 में से अधिक पर क्षेत्रीय दलों के सदस्यों को देखते हुए उन्हें ‘ड्राइविंग सीट’ पर रहने देना चाहिए और खुद ‘सहयात्री’ बन जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी यह बात कही है.

राहुल ने राजस्थान के उदयपुर में आयोजित कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ में अपने संबोधन में दावा किया था कि क्षेत्रीय दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नहीं लड़ सकते क्योंकि उनके पास विचारधारा का अभाव है. उन्होंने कहा था कि कांगेस यह लड़ाई लड़ सकती है.

राज्यसभा सदस्य झा ने कहा, ‘‘यह मुझे थोड़ा अजीब और विरोधाभासी लगता है.’’ उन्होंने कांग्रेस के चिंतन शिविर में अपनाये गये घोषणापत्र का जिक्र करते हुए राहुल पर निशाना साधा और कहा कि अगर वह आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो अपने बयान को वापस ले लेंगे.

वहीं जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों से डर महसूस कर रही है. उन्होंने कहा कि देश के अधिकतर हिस्सों में आज कांग्रेस की कोई उपस्थिति नहीं है.

कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की पृष्ठभूमि में द्रमुक के लिट्टे के साथ संबंधों का हवाला देकर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को मंत्रिमंडल से बाहर रखने की मांग करते हुए आई के गुजराल के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार को गिराया. जद (एस) नेता ने कहा कि बाद के वर्षों में कांग्रेस ने उसी पार्टी के साथ सौहार्दपूर्ण, राजनीतिक संबंध साझा किए.

पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने ट्वीट में सवाल किया, ‘‘क्या मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए)-एक और दो की सरकारों में उसी डीएमके के साथ 10 साल तक सत्ता साझा करना एक वैचारिक प्रतिबद्धता थी?’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें (राहुल) यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी पार्टी कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों के बल पर 10 वर्षों तक सत्ता का आनंद लिया. कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों से डर महसूस कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा जैसे अधिकतर राज्यों में पार्टी की कोई उपस्थिति नहीं है. कांग्रेस कर्नाटक में अपने अंतिम दिनों में है. बेहतर होगा कि राहुल गांधी इसे समझें.’’

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