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आस्था धर्म डेस्क
आज 24 जुलाई 2022 दिन रविवार है। इस साल 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है. यह पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस दौरान विधि-विधान से भगवान शिव का पूजन किया जाता है. रुद्राक्ष पहनने के ढेरों फायदे होते हैं. आइए जानें सावन में रुद्राक्ष धारण करने के फायदे.
हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक शिव कृपा पाने का सबसे आसान उपाय रुद्राक्ष धारण करना है क्योंकि माना जाता है कि रुद्राक्ष में स्वयं भगवान शिव का तत्त्व विराजमान होता है. शिव पुराण और पद्म पुराण में कहा गया है कि रुद्राक्ष धारण करने मात्र से अधम व्यक्ति भी अपने जीवनकाल के अंत में स्वर्ग प्राप्त करता है.ये रत्न की तरह काम करता है और इसके प्रभाव से जीवन में सकारात्मक प्रभाव दिखने लगते हैं. इस साल 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है. यह पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस दौरान विधि-विधान से भगवान शिव का पूजन किया जाता है. सावन में रुद्राक्ष धारण करने के फायदे होते हैं.
*रुद्राक्ष के प्रकार*
रुद्राक्ष एकमुखी से लेकर चौहदमुखी तक होते हैं. हर रुद्राक्ष अलग-अलग देवी-देवता का रूप माना जाता है. जैसे- एकमुखी रुद्राक्ष भगवान शिव, द्विमुखी श्री गौरी-शंकर, त्रिमुखी तेजोमय अग्नि, चतुर्थमुखी श्री पंचदेव, षष्ठमुखी भगवान कार्तिकेय, सप्तमुखी प्रभु अनंत, अष्टमुखी भगवान श्री गणेश, नवममुखी भगवती देवी दुर्गा, दसमुखी श्री हरि विष्णु, तेरहमुखी श्री इंद्र और चौदहमुखी हनुमानजी का रूप माना जाता है. इसके अलावा श्री गणेश व गौरी-शंकर नाम के रुद्राक्ष भी होते हैं.
*धार्मिक कारण*
धर्म शास्त्रों के मुताबिक त्रिपुरा राक्षस के वध के लिए भगवान शिव को अघोरा अस्त्र की आवश्यकता थी. इसके लिए उन्होंने एक हजार वर्ष तक खुली आंखों के साथ तपस्या की. इसके बाद जब उन्होंने नेत्र बन्द किए तब उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े. जिन स्थानों पर ये आंसू गिरे, वहीं रुद्राक्ष के वृक्ष पैदा हुए. इन पेड़ों के बीजों को ही रुद्राक्ष के रूप में धारण किया जाता है.
*रुद्राक्ष पहनने के लाभ*
रुद्राक्ष पहनने के ढेरों फायदे होते हैं. जो कोई भी व्यक्ति सही नियम और विधि से रुद्राक्ष धारण करता है उसे शारीरिक और मानसिक ढेरों समस्याओं से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा यह बात वैज्ञानिक भी मान चुके हैं कि, रुद्राक्ष धारण करने से हृदय रोग में लाभ मिलता है. इसके अलावा जिन व्यक्तियों का रक्तचाप उच्च होता है उन्हें भी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा करने से उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है. सही विधि विधान से पहना जाए तो रुद्राक्ष व्यक्ति के जीवन से रोग, शोक, चोट, बांझपन, नपुंसकता इत्यादि दुख खत्म कर देता है. इसके अलावा कुछ अन्य रुद्राक्ष जैसे सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सोने की चोरी इत्यादि का भय ख़त्म होता है और मां महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
कैसे धारण करें रुद्राक्ष?
नियम और महत्व जानने के बाद आइए जानते हैं रुद्राक्ष कैसे धारण किया जाता है.
सबसे पहली बात तो यह कि, रुद्राक्ष को कभी भी काले रंग के धागे में धारण नहीं करना चाहिए.
आप चाहें तो पीला या सफेद रंग का धागा रुद्राक्ष धारण करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
इसके अलावा यदि आप चाहें तो चाँदी, सोना या तांबे में भी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है.
रुद्राक्ष को धारण करते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना अनिवार्य है.
इसके अलावा एक और अहम नियम के रुद्राक्ष को कभी भी अ-पवित्र होकर धारण नहीं करना चाहिए.
एक अन्य नियम के अनुसार कभी भी अपना धारण किया हुआ रुद्राक्ष किसी दूसरे इंसान को पहनने के लिए नहीं देना चाहिए.
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