समीक्षा बैठक में लिया गया निर्णय
लखनऊ (राजेश सिंह)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रदेश में बालू तथा मौरंग की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उपखनिजों का आम आदमी से है सीधा जुड़ाव है। इसी कारण इसके किसी भी उत्पाद में अनावश्यक बढ़ोतरी ना होने का प्रयास करना है। प्रदेश में बड़े जलाशयों व बांधों की ड्रेजिंग कराकर उपलब्ध बालू-मौरंग कराई जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बालू, मौरंग व गिट्टी जैसे तमाम उपखनिजों का आम आदमी से सीधा जुड़ाव है। प्रदेश में इनकी कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए। इनके मूल्य नियंत्रण में रहें इसे विभाग सुनिश्चित करे। इससे विकास की विभिन्न परियोजनाएं प्रभावित होती हैं। ऐसे में उपखनिजों का कृत्रिम अभाव पैदा करने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बड़े जलाशयों व बांधों की ड्रेजिंग कराकर बालू व मौरंग बड़ी मात्रा में प्राप्त की जा सकती है। विभाग इस दिशा में तेजी से प्रयास करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बालू व मौरंग की कमी पत्थरों को पीसकर बनाई जाने वाली कृत्रिम बालू (एम-सैंड) को प्रोत्साहित कर दूर की जा सकती है। नदी तल पर बालू व मौरंग आदि के खनन क्षेत्रों की सस्टेनेबिलिटी के लिए तकनीकी संस्थाओं से स्टडी कराई जाए। इसमें भारत सरकार के उपक्रम केंद्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान जैसी प्रतिष्ठित संस्था का सहयोग लिया जाए। स्टडी रिपोर्ट के आधार पर ही भावी कार्ययोजना तैयार की जाए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इंटीग्रेटेड माइनिंग सर्विलांस के माध्यम से खनन क्षेत्रों की जियो फेंसिंग, खनिज परिवहन करने वालों वाहनों पर माइन टैग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चेक गेट की व्यवस्था खनन कार्यों को और पारदर्शी बनाने वाली है। बेहतर खनिज प्रबन्धन के माध्यम से राजस्व संग्रह में वृद्धि हुई है। यह प्रयास आगे भी जारी रहना चाहिए। फॉस्फोराइट, पोटाश, स्वर्ण धातु अयस्क, प्लेटिनम समूह के अयस्क, लौह अयस्क, एंडालूसाइट और सिलिमाइट जैसे उर्वरक खनिज, बहुमूल्य धातुओं, लौह धातु और रिफ्रक्ट्री खनिजों के सम्बंध में निविदा की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी कर ली जाए। हाल ही में प्रारंभ माइन मित्र पोर्टल पर पट्टाधारकों एवं ट्रांसपोर्टरों को भी लॉगिंग-आईडी देकर खनिज व्यवस्था में स्टेक होल्डर बनाया जा रहा है। इससे न केवल सभी को सुविधा होगी, वरन, व्यवस्था में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। माइन मित्र पोर्टल पर खनन विभाग की विभिन्न सेवाएं सहज रूप से उपलब्ध हैं। किसी को अपनी निजी भूमि से मिट्टी निकालनी हो, खरीदी गई मिट्टी का परिवहन करना हो, खनिज कार्यों के लिए लीज, परमिट, रजिस्ट्रेशन आदि को इस प्लेटफार्म से जोड़ा जाना लोगों को काफी सहूलियत देने वाला सिद्ध हो रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बालू व मौरंग के खनन पट्टों में आनलाइन अग्रिम मासिक किस्त के स्थान पर महीने के अंत तक पूरी किस्त जमा करने का समय दिया जाना चाहिए। इससे पट्टाधारकों को सहूलियत होगी। खनन कार्यों के संबंध में अंतरराज्यीय परिवहन के लिए विनियमन शुल्क (आइएसटीपी) की दर में वृद्धि पर विचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रायल्टी की दरें भी वर्ष 2016 से प्रभावी हैं, इन्हें पुनरीक्षित करने पर विचार करें। इस संबंध में सभी स्टेकहोल्डर की राय भी ली जाए। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि किसी भी दशा में बालू-मौरंग एवं गिट्टी के वाहनों की ओवरलोडिंग न होने पाए। यह नियम विरुद्ध भी है और दुर्घटनाओं का कारक भी बनता है। इस दिशा में सख्ती की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गत वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में यानी जून तक 168 करोड़ अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है। यह प्रगति संतोषजनक है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए खनन कार्यों से 4,860 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य है।