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आरएसएस की शाखाओं का होगा विस्तार, मार्च 2024 तक एक लाख का लक्ष्य

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के वर्ष 2025 में सौ वर्ष पूरे होने को लेकर संघ द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। शताब्दी वर्ष के पूर्व वर्ष 2024 में लोकसभा का चुनाव भी है। इस चुनाव में एक बार फिर से केंद्र की सत्ता पर भाजपा काबिज हो, इसकी रूपरेखा संघ ही निर्धारित करेगा। चुनाव के पूर्व मार्च 2024 तक संघ ने अपनी शाखाओं का विस्तार करने का निर्णय लिया है। मार्च 2024 तक देश भर में संघ ने एक लाख स्थानों पर शाखाओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में संघ की शाखाएं 55 हजार स्थानों पर चल रही हैं। प्रयागराज में रविवार से होने जा रही अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के माध्यम से संघ पदाधिकारी शाखाओं के विस्तार की योजना बनाएंगे। साथ ही मजहबी दीवार तोड़ने के लिए मुस्लिम समाज से संवाद को बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जाएं, उस पर भी विशेष मंथन होगा। संघ प्रमुख द्वारा विजयादशमी के मौके पर दिए गए वक्तव्य में भी स्पष्ट किया गया था अल्पसंख्यकों को साथ लेकर सकारात्मक वातावरण बनाने की जरूरत है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर बताते हैं कि गौहनियां में आयोजित बैठक में संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सह सरकार्यवाह एवं अन्य अखिल भारतीय अधिकारियों सहित कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित रहेंगे। 

कश्मीरी पंडितों की हत्या और समसामयिक विषयों पर भी होगी चर्चा 

गौहनियां स्थित वात्सल्य परिसर में चार दिवसीय बैठक में संघ कार्य के विस्तार का वृत्त भी लिया जाएगा। देश में वर्तमान समय में चल रहे समसामयिक विषयों पर भी चर्चा होगी। इसमें मुख्य रूप से हिंदुओं पर पिछले दिनों हुए हमले, जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की हो रही हत्या, केरल में संघ के स्वयं सेवकों पर हो रहे हमले आदि मुद्दों पर भी विशेष चर्चा होगी। 

मातृभाषा में शिक्षा भी संघ के एजेंडे में

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संगम नगरी में होने वाली बैठक में मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध करवाए जाने पर भी चर्चा होगी। संघ प्रमुख भी मातृभाषा के विस्तार का समर्थन करते हैं। इसी वजह से संघ के सभी आयोजनों में पदाधिकारी अपना संबोधन हिंदी में ही देने का प्रयास करते हैं। भले ही वे गैर हिंदीभाषी क्षेत्र के हों। संघ का प्रयास है कि तकनीकी शिक्षा भी हिंदी में ही दी जाए।

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