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मां विंध्यवासिनी मंदिर में दर्शन-पूजन का बदला नियम

SV News

विंध्याचल, मिर्जापुर (राजेश सिंह)। मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए प्रशासन ने नियमों में बदलाव किया है। शाम के बजाय श्रद्धालु प्रत्येक दिन मंगला आरती के बाद सुबह आठ बजे तक, तीन घंटे तक मां विंध्यवासिनी का चरण स्पर्श कर सकते हैं। सुबह आठ बजे के बाद व पूर्णिमा तथा विशेष पर्व पर माता का चरण स्पर्श पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
इससे पूर्व पंडा समाज एवं जिला प्रशासन की आपसी सहमति से सायं काल 4:00 बजे से लेकर रात्रि 12:00 बजे तक आम श्रद्धालुओं के लिए मां विंध्यवासिनी का चरण स्पर्श कराने के लिए समय निर्धारित किया गया था। शुक्रवार की देर रात मां विंध्यवासिनी माता मंदिर प्रांगण में जिला प्रशासन द्वारा चरण स्पर्श करने के लिए समय निर्धारित किया है।
पूर्णिमा एवं विशेष पर्व पर पूर्ण रूप से चरण स्पर्श प्रतिबंधित रहेगा। जिला प्रशासन एवं श्री विंध्य पंडा समाज की ओर से एक हफ्ते के लिए ट्रायल किया जा रहा है। ट्रायल के पश्चात जिला प्रशासन एवं पंडा समाज संयुक्त रुप से बैठक कर मां के चरण स्पर्श करने को लेकर निर्णय लेंगे।

मणिपुर के राज्यपाल ने मां विंध्यवासिनी का किया दर्शन

मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया। शनिवार की शाम करीब सवा छह विंध्यधाम पहुंचे राज्यपाल का अभिनंदन नगर विधायक पं. रत्नाकर मिश्र तथा अपर जिलाधिकारी शिवप्रताप शुक्ला व नगरमजिस्ट्रेट विनयकुमार सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंट कर किया। दर्शन-पूजन धीरज मिश्र ने कराया।
दर्शन पूजन के पश्चात पत्रकारों से हुई बातचीत में मणिपुर के राज्यपाल ने कहा काशी आने के पश्चात मुझे इस पावन स्थल के बारे में जानकारी मिली। माता का पहली बार दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दिव्य स्वरूप का दर्शन के पश्चात एक अलग तरह की अनुभूति हुई जिसे व्यक्त नहीं किया जा सकता।
विंध्य कॉरिडोर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में मुझे अभी जानकारी नहीं है लेकिन जो कुछ यहां हो रहा है वह अच्छा ही होगा। कॉरिडोर के निर्माण से पर्यटक को बढ़ावा मिलने के साथ ही यहां के लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी।

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