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पूर्व सांसद को हाईकोर्ट से झटका, कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह तथा डीजीपी को एक क्लिक पर अपराधियों का आपराधिक इतिहास उपलब्ध कराने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट में जवाब या जानकारी देने आने वाले पुलिस अफसरों की जवाबदेही तय करें ताकि कोर्ट को समय से केस की वास्तविक जानकारी उपलब्ध हो सके।
पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल की अग्रिम जमानत अर्जी तथा केस को खत्म करने की आपराधिक याचिका पर बांदा की कोतवाली नगर पुलिस ने हलफनामे में कहा, याची का आपराधिक इतिहास नहीं है, लेकिन शिकायतकर्ता ने आपत्ति की कि याची पर 11 आपराधिक मामले हैं जिनका कोर्ट ने संज्ञान भी लिया है। 
ऐसे में कोर्ट ने एसपी बांदा से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा तो पता चला कि याची पर 27 आपराधिक केस हैं। इसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया और प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों को जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने चित्रकूट, रैपुरा के देवकली निवासी पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल उर्फ राज कुमार की धारा 482 की याचिका तथा अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। 
यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने याची अधिवक्ता एसडी सिंह जादौन, संजय सिंह तथा शिकायतकर्ता के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार मिश्र को सुनकर दिया है। कोर्ट ने कहा, याची के खिलाफ चार्जशीट दाखिल है। कोर्ट ने संज्ञान लेकर समन जारी किया है। याची विवेचना में कोई सहयोग नहीं कर रहा। फोन कॉल तक नहीं उठाता। ऐसे में यह नहीं कह सकते कि उसे झूठा फंसाया गया है।
याचिका पर गलत जानकारी के साथ जवाबी हलफनामा दाखिल करने वाले बांदा, कोतवाली नगर के दरोगा ब्रह्मदेव गोस्वामी के खिलाफ एसपी ने कार्रवाई करने की जानकारी भी दी। कोर्ट ने महानिबंधक को आदेश की प्रति प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी तथा एसपी बांदा को अनुपालनार्थ भेजने का निर्देश दिया है।

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