प्रयागराज (राजेश सिंह)। माघ मेले में कल्पवासियों और साधु-संतों के शिविरों में बिजली रोशनी के कनेक्शन से पहले ही टेंडर प्रक्रिया में खेल सामने आ गया है। जिस ठेकेदार को टेंडर दिया गया है, उस पर पिछले माघ मेले में लाखों की एल्युमिनियम तारी चोरी का केस दर्ज है। इसके अलावा इस ठेकेदार की फर्म के पंजीयन और लेबर सर्टिफिकेट के प्रारूप और पते में भी अंतर है। इसके बावजूद नियमों को ताक पर रखकर इस फर्म को लाखों रुपये के विद्युतीकरण का काम आवंटित कर दिया गया है। शुक्रवार को माघ मेले के विद्युतीकरण के टेंडर में गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
माघ मेले के विद्युतीकरण का 49.30 लाख रुपये का टेंडर बीते 29 नवंबर को अधीक्षण अभियंता प्रथम के कार्यालय में खोला गया। इसमें मेसर्स आरबी कंस्ट्रक्शन कंपनी, कृष्णा कंस्ट्रक्शन कंपनी, प्रियंका इंटरप्राइजेज, मेसर्स पीके इंटरप्राइजेज, मोनू इंटरप्राइजेज, मेसर्स हरिओम इंटरप्राइजेज, मेसर्स प्रभात इंटर प्राइजेज, उर्मिला एसोसिएट और मेसर्स विनायक एसोसिएट समेत 14 फर्मों ने हिस्सा लिया था। इसमें सबसे कम रेट पर निविदा डालने वाली आरबी कंस्ट्रक्शन कंपनी को विद्युतीकरण का काम दे दिया गया। जबकि, इस फर्म ने टेंडर में हिस्सा लेते समय जो कागज प्रस्तुत किए हैं, उसके दस्तावेजों में अंतर है।
इस फर्म को टेंडर संख्या 30, 42 और 43 को मिलाकर कुल 49 लाख रुपये से अधिक का काम दिया गया है। इन तीनों टेंडर में आरबी कंस्ट्रक्शन ने इलेक्ट्रिकल लाइसेंस, जीएसटी रजिस्ट्रेशन, आधार कार्ड, पैन कार्ड के कागज प्रोपराइटरशिप के लगाए हैं, लेकिन लेबर लाइसेंस पार्टनरशिप का प्रस्तुत किया है।
इस फर्म की पार्टनरशिप भी पिता-पुत्र के बीच की रही है। फर्म के एक साझीदार रामखेलावन का पिछले वर्ष निधन होने की वजह से इसकी पार्टनरशिप भी खत्म हो चुकी है। ऐसे में फर्म की वैधता पर सवाल खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि एसई दफ्तर के टेंडर अनुभाग के कर्मियों की मिलीभगत की वजह से नियमों को ताक पर रख कर बिना कागजों का सत्यापन कराए ही आरबी कंस्ट्रक्शन को विद्युतीकरण का कार्य आवंटित किया गया है।
फर्म के स्वामी की लाखों रुपये की तार चोरी में तलाश
आरबी कंस्ट्रक्शन कंपनी के स्वामी विजय कांत गुप्ता पर पिछले माघ मेले में करीब 10 लाख रुपये के अनुमानित मूल्य के 6215 किलो एल्युमिनियम तार की चोरी में झूंसी थाने में प्राथमिकी भी दर्ज है। इस मामले में नामजद फर्म के मालित समेत छह लोगों में से दो को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। शुक्रवार को इंस्पेक्टर वैभव सिंह ने बताया कि माघ मेले में चोरी के इस मामले की अभी विवेचना की जा रही है। इसमें दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि चार की तलाश की जा रही है। इसमें फर्म के स्वामी विजय कांत गुप्ता का भी नाम शामिल है। उधर, बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें फर्म के मालिक पर एफआईआर की भी जानकारी नहीं दी गई थी।
आरबी कंस्ट्रक्शन ने टेंडर में हिस्सा लेने वाली सभी 14 फर्मों में सबसे न्यूनतम रेट डाला था। इस आधार पर इस फर्म को टेंडर दिया गया है। रही बात फर्म के कागजों की वैधता की तो इसकी जांच कराई जा रही है। गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इस फर्म के मालिक पर तार चोरी में एफआईआर कराए जाने की भी जानकारी उन्हें विभाग की ओर से नहीं दी गई। - विनोद कुमार, अधीक्षण अभियंता।