मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेजा में फार्मासिस्ट और उसका ड्राइवर मरीजों का इलाज करते हैं।इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों की बीमारी का इलाज किस तरह से हो रहा होगा।जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री जनता के स्वास्थ्य के लिए तरह-तरह की योजनाएं धरातल पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ सीएचसी मेजा में स्वास्थ्य विभाग मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहा है। मामला मेजा थाना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेजा का है।जहां फार्मासिस्ट का ड्राइवर मरीजों का इलाज करता है।जबकि, अधीक्षक ओमप्रकाश अपने चेंबर में बैठ कर दलालों से घिरे रहते हैं।उन्हें इस बात की तनिक परवाह नही है कि कौन डॉक्टर,फार्मासिस्ट कहां पर क्या कर रहे हैं।मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत तो नही है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फार्मासिस्ट अनिल कुमार कभी भी दवा वितरण कक्ष में बैठते ही नहीं है। दवा वितरण का काम अप्रशिक्षित लड़के करते हैं।वहीं,चीफ फार्मासिस्ट आरके गौतम का ड्राइवर भोले दवा वितरण कक्ष में बैठकर दवा वितरित करता है और मरीजों को जरूरत पड़ने पर इंजेक्शन भी लगता है।यह सब अधीक्षक की मिली भगत हो रहा है। जबकि डॉक्टर चिकित्सा के लिए तैनात हैं।
जिस जीवन की रक्षा के लिए डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है। वही जीवन अब स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट के ड्राइवर के भरोसे बचाने में लगा है। मरीज इलाज के लिए आते हैं तो फार्मासिस्ट सुनील कुमार गायब रहता है।जबकि चीफ फार्मासिस्ट आरके गौतम का ड्राइवर भोले दवा का वितरण करता है और मरीजों को इंजेक्शन लगता है।सूत्र बताते हैं कि उक्त ड्राइवर मरीजों को पानी का बाटेल भी चढ़ाता है।इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों की बीमारी का इलाज किस तरह से हो रहा होगा। कहना गलत नहीं होगा कि सीएचसी मेजा राम भरोसे ही चल रहा है। इस बारे में पूछने पर अधीक्षक ओमप्रकाश ने बात टालते हुए फिलहाल जांच की बात करते हुए सही पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है।