Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

रिटायरमेंट से पहले ही जस्टिस एसएन शुक्ला से छीन लिए गए थे न्यायिक अधिकार

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला से उनके रिटायरमेंट से पहले ही सारे न्यायिक अधिकार छीन लिए गए थे। उन्हें केसों की सुनवाई से अलग कर दिया गया था। इसके साथ जब जांच शुरू हुई तो वे 90 दिन के अवकाश पर भी चले गए थे।
न्यायमूर्ति शुक्ला पर आरोप है कि लखनऊ खंडपीठ में एक केस की सुनवाई करते हुए उन्होंने 2017-18 के शैक्षणिक वर्ष में छात्रों को प्रवेश देने के लिए निजी कॉलेजों को अनुमति दे दी थी। जबकि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उस पर रोक लगा दी थी। उनका यह कदम सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ के पारित आदेश का उल्लंघन था।
उनके खिलाफ दो शिकायतें सीजेआई को मिली थीं। जिसमें से पहली राज्य के महाधिवक्ता और दूसरी इन हाउस समिति की तरफ से आई थी। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जस्टिस शुक्ला ने न्यायिक जीवन के मूल्यों को अपमानित करने और न्यायाधीश के तौर पर अशोभनीय काम किया है। इसके बाद ही उनके खिलाफ जांच प्रक्रिया शुरू हो गई थी। 2018 में जांच के दौरान ही वह 90 दिन की छुट्टियों पर भी चले गए थे।
इसके बाद उन्हें लखनऊ से इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था। वह जुलाई 2020 में सेवानिवृत्त हुए। इलाहाबाद से ही उन्हें सेवा से अंतिम विदाई दी गई लेकिन सेवानिवृत्त से पहले उनके सारे अधिकार छीन लिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति के आदेश पर उनसे सभी न्यायिक कार्यों को वापस ले लिया गया था। अन्य कार्यों को करने से भी मना कर दिया गया था।

إرسال تعليق

0 تعليقات

Top Post Ad