Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

कुंभ संक्रांति: सूर्य और शनि की बनेगी युति

 

sv news

मेजा, प्रयागराज (राजेश शुक्ला)। सूर्य देव जिस क्षण मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो उस समय कुंभ संक्रांति होगी. सूर्य देव 13 फरवरी दिन सोमवार को सुबह 09 बजकर 57 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. जानते हैं कि कुंभ संक्रांति का महा पुण्यकाल कब है और स्नान-दान का महत्व क्या है?
सूर्य देव जिस क्षण मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो उस समय कुंभ संक्रांति होगी. कुंभ संक्रांति से सूर्य शनि की राशि कुंभ में रहेंगे और शनि 17 जनवरी से कुंभ में पहले से ही विराजमान हैं. ऐसे में कुंभ संक्रांति से सूर्य और शनि की युति बनेगी, जब सूर्य मीन राशि में जाएंगे तो यह युति खत्म होगी. कुंभ संक्रांति के दिन नदियों में स्नान करने के बाद दान देने, सूर्य पूजा और पितरों को तर्पण देने का विधान है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य पंडित कमला शंकर उपाध्याय (मेजा) से जानते हैं कि कुंभ संक्रांति कब है? कुंभ संक्रांति का महा पुण्यकाल कब है और स्नान-दान का महत्व क्या है?

sv news

कुंभ संक्रांति 2023
पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 13 फरवरी दिन सोमवार को सुबह 09 बजकर 57 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और वही समय कुंभ संक्रांति ​का होगा. प्रवेश के समय को कुंभ संक्रांति क्षण कहा जाता है. उस दिन फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि होगी और वृद्धि योग होगा.

*कुंभ संक्रांति 2023 पुण्य काल*
13 फरवरी को कुंभ संक्रांति का पुण्य काल सूर्योदय के साथ ही प्रारंभ हो जाएगा. देश की राजधानी नई दिल्ली में कुंभ संक्रांति का पुण्य काल सुबह 07 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा और यह सुबह 09 बजकर 57 मिनट तक रहेगा.

*कुंभ संक्रांति 2023 महा पुण्यकाल*
उस दिन कुंभ संक्रांति का महा पुण्यकाल सुबह 08 बजकर 05 मिनट से प्रारंभ होगा और यह कुंभ संक्रांति के क्षण तक यानि सुबह 09 बजकर 57 मिनट तक होगा. महा पुण्यकाल 01 घंटा 51 मिनट तक और पुण्यकाल 02 घंटे 55 मिनट तक है.

*कुंभ संक्रांति 2023 स्नान-दान*
कुंभ संक्रांति के दिन स्नान और दान सूर्योदय के साथ ही प्रारंभ हो जाएगा. यदि आप महा पुण्यकाल में स्नान और दान करते हैं तो ज्यादा अच्छा है. इस दिन आप स्नान करने के बाद गेहूं, गुड़, लाल पुष्प, तांबा, लाल वस्त्र, घी, फल, सब्जी आदि का दान कर सकते हैं.

*कुंभ संक्रांति पर सूर्य पूजा*
कुंभ संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा करें. उनको जल में लाल फूल, गुड़ और रोली या लाल चंदन मिलकार अर्घ्य दें. उस दौरान सूर्य मंत्र का जाप करें. सूर्य चालीसा और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. ये करने से सूर्य मजबूत होगा. आपके यश और कीर्ति में वृद्धि होगी, करियर में तरक्की होगी. पिता का साथ मिलेगा.

إرسال تعليق

0 تعليقات

Top Post Ad