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महाशिवरात्रि: अंतिम स्नान पर्व पर संगम में उमड़ा आस्था का सैलाब, करीब सात लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। धर्म आस्था का महापर्व शिवरात्रि 18 फरवरी को है। माघ मेले का यह अंतिम स्नान पर्व है। विशेष मुहूर्त में लाखों श्रद्धालु आज संगम में डुबकी लगा रहे हैं। जिला प्रशासन ने भी महाशिवरात्रि स्नान पर्व के लिए विशेष व्यवस्था कर रखी है। शहर में रूट डायवर्जन लागू किया गया है। पुलिस प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था कर रखी है। संगम में सुबह से ही लाखों श्रद्धालु स्नान-दान कर रहे हैं। संगम क्षेत्र में घना कोहना छाया हुआ है। विजिबिलिटी कम है। बावजूद इसके संगम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। अब तक करीब 7 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं।
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन भोले बाबा को प्रसन्न करना आसान होता है। यही कारण है कि लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करके वहां से गंगाजल लेते हैं और मनकामेश्वर महादेव, सोमेश्वर महादेव जैसे प्राचीन शिवालयों में जाकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं और विधि-विधान से उनकी पूजा अर्चना करते हैं। विवाहित महिलाएं और पुरुष परिवार की सुख शांति के लिए महाशिवरात्रि का व्रत रखती हैं।

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प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर शिव जी की कृपा के साथ ही शनि पीड़ा निवारण और अनिष्ट ग्रहों से मुक्ति का फल सरलता से प्राप्त होगा। देव गुरु बृहस्पति जो की ज्ञान के कारक और नौ ग्रहों के गुरु हैं अपनी स्वराशि अवस्था में विशेष राजयोगो का सृजन कर रहे हैं साथ ही स्वयं की राशि का शनि केंद्र में आकर पंच महापुरुष नामक योग का सृजन कर रहा है इस बार शिवरात्रि पर जन्मी संतान की जन्म कुंडली में विशेष राजयोग बन रहा है। जब भी लग्न से केंद्र में स्वराशि बृहस्पति होता है तो पंच महापुरुष में हंस नामक राजयोग बनता है। इसी प्रकार शनि स्वराशि का केंद्र में होने पर पंच महापुरुष में शशक नामक राजयोग बनता है लिए यह बहुत ही शक्तिशाली राजयोग हैं जिन लग्न में यह राज योग बन रहे हैं उस लग्न में पूजा अर्चना विशेष फलदाई मानी गई है।
इस दिन शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। शनि प्रदोष शिवरात्रि होने के कारण विशेष उपाय के रूप में आम जनमानस एक कटोरी में कड़वा तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखकर छाया दान करें, तो शिवकृपा के साथ-साथ शनि पीड़ा एवं अनिष्ट ग्रहों की भी शांति सरलता से हो जाएगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक माघ मेला डॉ. राजीव नारायण मिश्र का कहना है कि मेला के आगामी(अंतिम) स्नान पर्व महाशिवरात्रि को सकुशल व निर्विघ्न सम्पन्न कराने हेतु सभी तैयारी पूर्ण कर ली गई है। माघ मेला क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित सभी शिव मन्दिर में श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन व सुरक्षा के दृष्टिगत व्यापक पुलिस प्रबन्ध किये गये हैं। संगम स्नान के उपरान्त श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई कठिनाई न हो इसके लिए मेला क्षेत्र में वाहनों की समुचित पार्किंग व्यवस्था की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक माघ मेला डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने शुक्रवार को मेला क्षेत्र का भ्रमण कर तैयारियों का जायजा लिया।
महाशिवरात्रि पर संगम में सकुशल स्नान और शिवालयों में दर्शन-पूजन के लिए शहर में रूट डायवर्जन लागू किया गया है। इसके अलवा वाहनों की पार्किंग के लिए भी स्थान तय किया गया है। रूट डायवर्जन 17 फरवरी की रात 8 बजे से 19 फरवरी तक लागू रहेगा।

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