शिक्षा के साथ संस्कृति, संस्कार और त्योहारों का संगम -पवन तिवारी
मेजा,प्रयागराज। (हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
रंगों का त्योहार होली क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में धूमधाम के साथ मनाया गया।स्कूल के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने शिक्षकों के साथ एक-दूसरे को अबीर गुलाल लगाया। शिवगुलाब तिवारी पब्लिक स्कूल द्वारा विद्यालय में अपनी निरंतर परंपरा को कायम रखते हुए रंगों का त्योहार होली सोमवार को होली की छुट्टी के पूर्व बड़े हर्सोल्लास के साथ सूखे रंग गुलाल से मनाया गया। जिसमें सभी कक्षा के विद्याथियों ने एक दूसरे के साथ होली खेली ओर साथ ही अपने शिक्षक, शिक्षिकाओं को भी रंग लगाया।प्रिंसिपल पवन तिवारी ने कहा कि होली बसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है। रंगों का त्योहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन होलिका जलाई जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं।और दूसरे दिन रंगो से होली खेली जाती है । होली या होलिका देश के प्रमुख उत्सवों में से एक है। यह आनन्द एवं उल्लास का रंग भरा उत्सव है।
होली की पौराणिक कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नामक बुराई और भक्त प्रहलाद की अच्छाई की कहानी भी बच्चों को बताई गई ।बच्चों को संस्कार दिए गए कि हमेशा बुराई पर अच्छाई की जीत होती ही है । इसलिए हमें हमेशा सत्य बोलना चाहिए और हमेशा सद मार्ग पर चलकर अच्छाई का साथ देना चाहिए। इस तरह एसजीटी स्कूल में होली का त्यौहार हंसी ,खुशी और मौज मस्ती के साथ मनाया गया।