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होली के रंग में रंगा बाजार,जमकर हो रही खरीददारी

 


मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

प्राय: फाल्गुन माह शुरू होते ही लोगों पर रंगों का उत्साह  छा जाता है। रंगों का त्योहार होली का उत्साह चारों ओर देखने को मिलने लगता है। इसके लिए बाजार भी पूरी तरह तैयार होकर साथ देता है। बुराई के अंत के रूप में होलिका दहन आज शाम को  किया जाएगा। होली पर्व में बाजारों में रंग और गुलाल के साथ-साथ गुजिया, मिठाई और नमकीन की भी जोर-शोर से खरीदारी हो रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानों में पूछपरख करने के साथ लोग होली सामग्री की खरीदी भी शुरू कर दिए है। बाजार में 50 रुपये से 5 सौ रुपये से अधिक कीमत वाले पिचकारी उपलब्ध है। सामान्य मुखौटा, बाल, टोपी, मैजिक बैलून, विभिन्न प्रकार के कलर, रंग-गुलाल समेत कई सामग्रियों की बिक्री जारी है।कल की होली के लिए सजे बाजारों में जमकर लोग खरीददारी कर रहे है। होली पर्व शुरू होने में अब सिर्फ एक दिन शेष है। पर्व को लेकर बाजार पूरी तरह से गुलजार है। जगह-जगह पिचकारी, रंग-गुलाल समेत अन्य सामग्रियों की दुकानों में ग्राहकों की भारी भीड़ आज देखने को मिल रही है।मेजा खास निवासी कुलई महाजन ने बताया कि इस बार लोगों द्वारा भारतीय उत्पादों की मांग ज्यादा है।होली के त्याैहार के शुभ अवसर को लोग खुशियां व बधाईयां देकर पर्व को मनाने में जुट गए हैं।सोसल मीडिया के जरिए लोग अपने शुभ चिंतकों को बधाइयां दो दिन पहले से देने लगे हैं। एक-दूसरे से मिठाइयों की प्रतिस्पर्धा करने वाले दुकानों में रंग-बिरंगी स्वादिष्ट गुजियां सजाकर लगा दी गई है।

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मिष्ठान विक्रेता पप्पू केशरी ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में होली पर्व पर लोग मिठाई की बिक्री कम ही रहती है। ग्रामीण इलाकों के बाजारों में होली के सामानों की खरीददारी के लिए भारी भीड़ देखी जा रही है।किराना दुकानदार लल्लन केशरी ने बताया कि महंगाई के कारण खरीददारी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं। इस बार बाजार में भी हर्बल रंगों की मांग देखने को अधिक मिल रही है।   विभिन्न फूलों फलों पेड़ के पत्तियों एवं पौधों से बने प्राकृतिक रंगों से बने हर्बल रंगों से फ्रेंडली होली मनाने का चलन अब काफी देखने को मिल रहा है। ऐसे में आप सभी हर्बल गुलाल और भारतीय उत्पादों को खरीदकर इन्हें बढ़ावा देने और देश की तरक्की और विकास में अपना योगदान दे सकते हैं।क्षेत्र के विभिन्न बाजारों में खरीदारी के लिए उमड़ी भीड़ को देखते हुए स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी सुरक्षा के इंतजाम को लेकर बढ़ गई है।जिला अपराध निरोधक के सदस्य भी शांति व्यवस्था बनाने के लिए अपनी अलग से रणनीति बनाकर लोगों की मदद के लिए तैयार हैं।

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