प्रयागराज (राजेश सिंह)। ऑपरेशन अतीक अहमद आखिरकार रविवार को शुरू कर दिया गया। इसके साथ ही हर जेहनोदिल में यह सवाल उठने लगा कि क्या अतीक का अंजाम विकास दुबे जैसा ही होगा। उमेश पाल की हत्या के 31 वें दिन अतीक को गुजरात की साबरमती जेल से लेकर पुलिस यूपी के लिए चल पड़ी है। साबरमती जेल से प्रयागराज के बीच क्या अतीक अहमद की गाड़ी पलट सकती है? यह सवाल खुद अतीक को भी खाए जा रहा है। जेल से निकलने पर वज्र वाहन पर सवार होने से पहले अतीक अपनी हत्या के खौफ से भयभीत नजर आया। उसे भी डर सता रहा है कि कहीं रास्ते में कुछ हो न जाए।
इसी वजह से यूपी पुलिस पर उसने भरोसा न होने की बात कही है। साबरमती जेल से प्रयागराज तक की दूरी लगभग 1300 किलोमीटर है। पहुंचने में 20 से 24 घंटे लग सकते हैं। इसके पहले अतीक समेत उसके परिजन यूपी लाए जाने पर जान को खतरे का अंदेशा जता चुके हैं। उसकी फरार बीवी शाइस्ता परवीन भी उसकी हत्या की आशंका जता चुकी है।अतीक के सोमवार शाम तक प्रयागराज पहुंचने की संभावना है। यहां पहुंचने के बाद उसे मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां उमेश पाल के अपहरण केस में अभियुक्तों को सजा सुनाई जाएगी।
अतीक को किस रूट से साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जाएगा फिलहाल यह बेहद गोपनीय रखा गया है। प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक के अधिकारी इस मामले में कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। फिलहाल उनका यही कहना है कि सुरक्षा कारणों से इस संबंध में गोपनीयता बरती जा रही है। जानकारों का कहना है कि साबरमती से प्रयागराज पहुंचने के तीन रास्ते हैं। इनमें से पहला रास्ता अहमदाबाद से हिम्मतनगर उदयपुर कोटा झांसी और फिर प्रयागराज है। दूसरा रास्ता अहमदाबाद से गोधरा इंदौर भोपाल जबलपुर होकर प्रयागराज पहुंचता है। इसी तरह तीसरा रास्ता अहमदाबाद से गोधरा इंदौर शिवपुरी झांसी और फिर प्रयागराज के बीच का है।
टाइम लाईन
सुबह 9:30 बजे के करीब तीन बोलेरो और दो वज्र वाहनों से एसटीएफ और पुलिस की टीम साबरमती जेल पहुंची।
11ः30 बजे मेडिकल चेकअप कराया गया
2ः30 बजे तक पांच घंटे में पूरी की गई प्रक्रिया 5:45 बजे शाम पुलिस टीम ने अतीक अहमद को हिरासत में लेकर जेल से निकाल कर उसे वज्र वाहन में बैठाया।
हाईटेक असलहों से लैस जवान सुरक्षा में तैनात, जीपीएस से ट्रैकिंग
अतीक अहमद को प्रयागराज लाने के लिए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत हाइटेक असलहे से लैस 30 जवानों का विशेष दस्ता तैनात किया गया है। इसके अलावा एसटीएफ की दो टीमें इस ऑपरेशन में लगाई गई हैं, जिसमें प्रयागराज इकाई के साथ ही लखनऊ एसटीएफ के तेज तर्रार अफसर भी शामिल किए गए हैं। वज्र वाहनों में कैमरे भी लगाए गए हैं और पुलिसकर्मियों को भी बॉडीबॉर्न कैमरे दिए गए हैं इसके अलावा इस पूरे ऑपरेशन की जीपीएस से ट्रैकिंग भी की जा रही है।
चर्चा इस बात की भी है कि काफिला कई सूनसान जगहों से भी होकर गुजरेगा। ऐसे में इन जगहों पर ट्रैकिंग के लिए सुरक्षा में लगी टीमें ड्रोन का भी सहारा ले सकती हैं। इसके अलावा एक आईपीएस और तीन डिप्टी एसपी भी इस ऑपरेशन में लगाए गए हैं।
प्रयागराज में डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती को इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई है। उनके साथ तीन डिप्टी एसपी भी लगाए गए हैं। इस पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग खुद डीजीपी मुख्यालय की ओर से की जा रही है। जहां आला अफसर ऑपरेशन की एक एक पल की जानकारी ले रहे हैं।