Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

अतीक से पांच करोड़ लेकर उमेश देने लगा था धोखा, कई जमीनों के भी किए सौदे

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। उमेश पाल ने माफिया अतीक अहमद से पांच करोड़ रुपये लिए थे। बाद में वह अतीक को ही धोखा देने लगा था। अतीक के गुजरात जेल जाने के बाद उसने कई बेशकीमती जमीनों के सौदे किए। पुलिस-प्रशासन में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जमीनाें के फर्जी दस्तावेज तैयार कब्जा कर लिया। जब अतीक को ये मालूम पड़ा, तो वह उमेश से खतरा महसूस करने लगा। प्रयागराज में अपना वर्चस्व खत्म होने के डर से उसने उमेश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई।
उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो जांच में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो अतीक और उमेश के बीच बढ़ती दुश्मनी की पुष्टि करते हैं। पता चला है कि प्रयागराज में कमिश्नरेट गठित होने के बाद दो-तीन महीने तक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच ऊहापोह का उमेश ने भरपूर फायदा उठाया। उसने अतीक के करीबियों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया था। अतीक के करीबियों की जमीनों के सौदे में दखल देने लगा था। इसकी वजह से उसके खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज हो गए थे। इसकी शिकायतें लगातार गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक तक पहुंच रही थी।
सूत्रों की मानें तो अतीक के रिश्ते कोलकाता के बंदरगाह इलाके में तमाम मुस्लिम गद्दी मालिकों से हैं। अतीक ने गद्दी मालिकों के लिए कोलकाता में अपने गुर्गों के जरिए कई वारदातें भी अंजाम दी है। पुलिस को संदेह है कि उमेश पाल की हत्या करने के बाद सारे शूटर प्रयागराज के सैदाबाद में रुके थे। अगले दिन सुबह अलग-अलग जगहों की ओर भाग निकले। इनमें से कुछ शूटरों ने कोलकाता में गद्दी मालिकाें के पास शरण ली है। फिलहाल किसी शूटर के विदेश भागने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली है कि वारदात के बाद अतीक ने जेल में अपने करीबियों से कहा कि मैं कई बार सांसद और विधायक रह चुका हूं। इस बार मुझसे बड़ी गलती हो गई। विधानसभा का सत्र चलने के दौरान ये घटना नहीं करानी चाहिए थी। इसकी टाइमिंग गलत हो गई।
अतीक को गुजरात से लाने की कवायद भी तेज हो गई है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर विवेचक लगातार अतीक और उसके भाई को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए पर्चे काट रहा है। जल्द ही सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद पुलिस अदालत से दोनों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का अनुरोध करेगी।
घटना के वक्त सारे शूटरों की भूमिका पहले से तय की। इसका रिहर्सल भी किया गया था। उमेश पाल और उनके दोनों गनर को कैसे बारी-बारी से ठिकाने लगाना है, ये भी तय हो चुका था। घटना के दौरान अतीक के बेटे असद को गाड़ी में ही रहना था लेकिन वह अचानक जोश में आ गया और बाहर निकल कर उमेश पर ताबड़तोड़ फायर झोंकने लगा।
प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ शूटरों को पनाह देने वाले बिहार और गोरखपुर के कुछ माफिया पर पैनी नजर बनाए है। पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली है कि शूटरों को छिपने और आगे भागने में बिहार और गोरखपुर के कुछ माफिया ने मदद की है। इनके रिश्ते अतीक और गुड्डू मुस्लिम से बताए जा रहे हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि शूटरों की तलाश में 15 से ज्यादा टीमें लगी हैं।

إرسال تعليق

0 تعليقات

Top Post Ad