प्रयागराज (राजेश सिंह)। माफिया अतीक अहमद को पांच घंटे तक नैनी सेंट्रल जेल के बाहर प्रिजन वैन में रखना नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह यादव को महंगा पड़ गया। महानिदेशक कारागार एसएन साबत ने जेल मैनुअल के मुताबिक जेल के भीतर काम ना करने, लापरवाही और अनुशासनहीनता के मामले में नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत यादव को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा बरेली जेल अधीक्षक व बांदा जेल के अधीक्षक के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई की गई है।
माफिया अतीक अहमद को अहमदाबाद की साबरमती जेल से 28 मार्च को प्रयागराज लाया गया था। उमेश पाल अपहरण कांड में 28 मार्च को फैसला आना था। इसी फैसले के सिलसिले में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। फैसला आने के बाद अतीक अहमद के भाई अशरफ को तो बरेली जेल वापस तत्काल रवाना कर दिया गया।
लेकिन, माफिया अतीक अहमद को नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस की मंशा थी कि अतीक अहमद को नैनी सेंट्रल जेल में ही रात भर रखा जाए। हालांकि वरिष्ठ जेल अधीक्षक का कहना था कि उनके पास अतीक अहमद को नैनी सेंट्रल जेल में रखने का कोई आदेश नहीं है।
बिना आदेश के वह किसी को जेल के अंदर नहीं रख सकते हैं। पुलिस और जेल अधिकारियों के बीच हुए टकराव के बाद स्थितियां बन गई कि माफिया अतीक अहमद को 5 घंटे तक प्रिजन वैन में ही नैनी सेंट्रल जेल के बाहर बिताना पड़ा।
लंबे सफर के बाद प्रयागराज पहुंचे अतीक अहमद को दिनभर कोर्ट में खड़ा रहना पड़ा। इसके बाद 3:00 बजे के करीब उसे नैनी सेंट्रल जेल के लिए रवाना किया गया। वरिष्ठ जेल अधीक्षक के अतीक अहमद को जेल के अंदर देने से मना करने के बाद पुलिस अधिकारियों ने अतीक अहमद को जेल के बाहर ही 5 घंटे तक प्रधान ध्यान में रखा।
गर्मी और रेस्ट ना मिलने के कारण अतीक अहमद का बीपी बढ़ गया था। जिसके कारण पुलिस अधिकारियों और जेल अधिकारियों के बीच काफी तनातनी भी रही।
प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में जिलाधिकारी संजय खत्री ने 31 मार्च को औचक पुलिस टीम के साथ छापेमारी की थी। लगभग 3 घंटे तक जेल के अंदर की बैरकों में डीएम ने अपनी मौजूदगी में तलाशी अभियान चलाया। हाई सिक्योरिटी सेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की बैरक में आधे घंटे से ज्यादा तक तलाशी ली गई। इसके अलावा कई कुख्यात अपराधियों की बैरकों में भी तलाशी अभियान चलाया गया। हालांकि पुलिस और प्रशासन के सघन चेकिंग अभियान में कोई खास चीज नहीं मिली। माचिस, कैंची जैसी चीजें ही मिली थीं। डीएम के औचक निरीक्षण से जेल के अंदर हड़कंप का माहौल रहा।