अतीक समेत उसके बेटे और भाई भी हैं आरोपी
प्रयागराज (राजेश सिंह)। अतीक अहमद से जुड़े से तीन मुकदमों में जल्द फैसला आ सकता है। इन मुकदमों में अतीक अहमद, अशरफ और उमर आरोपी हैं। अतीक के गुर्गे भी इन मामलों में आरोपी हैं। सरकारी वकीलों को उम्मीद है कि कुछ ही महीनों फैसला आ सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि उमेश पाल अपहरणकांड की ही तरह इन तीन मामलों में भी अभियोजन को सफलता मिलेगी।
इन तीन मुकदमों के अलावा राजू पाल हत्याकांड और जीशान पर हमला मामले में भी विवेचक और अभियोजन काफी सक्रिय हैं। जीशान पर हमले में विवेचक को पूछताछ के लिए रिमांड मिल गई है। जल्द ही अतीक से पूछताछ के लिए टीम गुजरात के साबरमती जेल जाएगी।
लखनऊ के रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल का 29 दिसंबर 2018 को अपहरण कर लिया गया था। अतीक के बड़े बेटे उमर के साथ गुफरान, फारुख, गुलाम और इरफान उसका अपहरण देवरिया जेल ले गए थे। जहां मोहित को रॉड से मार मारकर बेहोश कर दिया गया था। इसके बाद मोहित से 45 करोड़ की प्रापर्टी के कागजातों पर दस्तखत करा लिए गए। उसकी एसयूवी भी छीन ली गई। मोहित जब उनके चंगुल से छूटा तो उसने लखनऊ में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इसी कांड के कुछ महीनों बाद अतीक को साबरमती जेल भेज दिया गया था।
मोहित जायसवाल के अपहरण से पहले अतीक ने अपने ही गुर्गे प्रापर्टी डीलर जैद खालिद का अपहरण करवा लिया था। जैद के साथ उसके भाई उमैश और दोस्त अभिषेक का अपहरण कर 22 नवंबर 2018 को देवरिया जेल ले जाया गया। यहां तीनों को कई घंटे तक मारा गया। जैद ने अतीक के मना करने पर भी पांच करोड़ की एक जमीन अपने नाम रजिस्ट्री करवा ली थी। उसने रिपोर्ट भी नहीं लिखाई थी। बाद में जब मोहित जायसवाल का मामला प्रदेश स्तर पर चलने लगा तो उसने आठ जनवरी 2019 को धूमनगंज थाने में रिपोर्ट लिखाई। जैद ने अतीक, इमरान, खालिद, सद्दाम, अली अहमद, मो. अहमद, हमदान, फैसल, उसैद, अरशद, राशिद और विजय राय को नामजद कराया था।
राजू पाल हत्याकांड के बाद वर्ष 2008 में पुलिस ने छह मुकदमों को मिलाकर अतीक अहमद और उसके गुर्गों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया था। राजू पाल हत्याकांड के गवाहों को धमकाने के पांच मुकदमे अतीक और उसके गुर्गों के खिलाफ दर्ज हुए थे। सईद अहमद की करोड़ों की जमीन कब्जा कर अतीक ने शहर के व्यापारी को बेच दी थी। उस समय अतीक सांसद था। उसने जमीन बेचकर व्यापारी से अपने उस खाते में 50 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए थे, जिसमें उसकी सांसदी के भत्ते आते थे। बाकी पैसा उसने नकद लिया था। जांच के बाद पुलिस ने उसके खाते को सीज कर दिया था। इन सब मामलों को मिलाकर पुलिस ने गैंगस्टर लगाया था। अतीक और उसके गुर्गों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच की गई थी।