प्रयागराज (राजेश सिंह)। उमेश पाल हत्याकांड में फरार शूटरों की गिरफ्तारी में नाकामी हाथ लगने के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने नैनी जेल पहुंचकर खान सौलत हनीफ और दिनेश पासी से पूछताछ की। अधिकारियों ने उनसे पूछा कि असद, गुड्डू मुस्लिम और साबिर कहां हो सकते हैं। इसके जवाब में दोनों ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं पता है।
हालांकि 24 घंटे में दूसरी बार जेल के भीतर ली गई तलाशी के दौरान चम्मच को घिसकर बनाए गए चाकू, लाइटर, तंबाकू सहित कई आपत्तिजनक वस्तु मिली। शुक्रवार को डीएम संजय खत्री और जिला जज संतोष राय की अगुवाई में जेल को खंगाला गया था। उस दौरान खाने की गुणवत्ता को लेकर कुछ बंदियों ने सवाल उठाए थे। चेकिंग के बाद बाहर निकले डीएम ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि जेल में सब कुछ ठीक है।
भोजन की गुणवत्ता को ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद शनिवार आधी रात मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा, आईजी रेंज चंद्र प्रकाश, डीएम संजय कुमार खत्री, डीसीपी दीपक भूकर सहित अन्य अधिकारियों ने फिर जेल पहुंचकर तलाशी अभियान शुरू किया।
बंदियों के विस्तर तक उलट पलट कर उनके रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सामान की तलाशी ली गई। तब उनके हाथ में चम्मच को घिसकर बनाए गए चाकू, लाइटर, तंबाकू और सिगरेट हाथ लगे। अधिकारियों ने कुख्यात अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सुरक्षाकर्मियों को दिए गए बाडी वार्न कैमरे की फीडिंग की जांच की।
जेल के सीसीटीवी फुटेज और इंट्री रजिस्टर की भी गहनता से जांच की गई। हाई सिक्युरिटी सेल में बंद माफिया अतीक के बेटे अली और उसके गुर्गों से भी पूछताछ की गई। इसके बाद उमेश पाल अपहरण कांड आजीवन कारावास की सजा पाए दिनेश पासी और खान शौलत हनीफ को रात करीब दो बजे क्वारंटाइन बैरक से बाहर निकालकर लंबी पूछताछ की गई। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह का कहना है कि तलाशी के दौरान कई बंदियों से पूछताछ की गई थी।