गंगा की पवित्रता व निर्मलता पर गंगा समागम मे हुआ मंथन
जन जागरुकता हेतु बनी भावी कार्य योजना
प्रयागराज (गजेन्द्र प्रताप सिंह)। गंगा महासभा के तत्वावधान मे गंगातट पर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक मे विभिन्न आध्यात्मिक, धार्मिक, शैक्षिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े भारी संख्या मे उपस्थित गंगाभक्तों ने गंगा की पवित्रता, निर्मलता व प्रदूषण पर चिन्ता व्यक्त करते हुए शासन- प्रशासन द्वारा किये जा रहे प्रयास को असफल बताया।
आयोजन का शुभारम्भ सामूहिक रुप से माँ गंगा की पूजा, आरती से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता महन्त राम रतन दास जी महराज एवं संचालन गजेन्द्र प्रताप सिंह ने किया।
गंगा में बढ़ते प्रदूषण को लेकर गंगाभक्त समागम के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए जिलाध्यक्ष भगवती प्रसाद पाण्डेय ने कहाकि शासन के लाखो प्रयास एवं करोड़ो धन व्यय के बावजूद गंगा अभी भी निर्मल व अविरल नही हो पाई है। उन्होने नैनी, झूसी, फाफामऊ व दारागंज मे आधुनिक शवदाह गृह का निर्माण कराने, अवैध खनन बंद कराने, गंगा के कछार की जमीन की रजिस्ट्री रोकने, मूर्ति विशर्जन हेतु कृतिम तालाबों का निर्माण कराने, मास्टर प्लान के अनुसार हरित क्षेत्र बनाने तथा गंगा के व्यवासीकरण पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर बल देते हुए लोगों से विचार, सुझाव व समर्थन का अनुरोध किया।
इसी क्रम मे प्रदेश महांमत्री देवेन्द्र तिवारी ने बताया कि गंगाजल मे व्याप्त प्रदूषण सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान की मानक छमता से अधिक है जिससे यह प्लान्ट सफल नही है, ऐसे मे आधुनिक व वैज्ञातिक तरीके अपनाकर गंगा के प्रदूषण को रोका जा सकता है। उन्होने महासभा की मांग को स्पष्ट करते हुए कहाकि न्यायालय द्वारा दिये गये आदेशो एवं कानूनों का पालन होना र्चाहिए, जिसमे स्पष्ट है कि गन्दे नालो को गंगा मे गिरने से रोका जाय, कोर्ट द्धारा निर्देशानुसार निश्चित मात्रा मे पानी छोड़ा जाय। पालिथीन पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाय। श्री तिवारी ने एस टी पी के असफल प्लान की जगह पिछले कुम्भ मे सफल प्रयोग किये जा चुके जिओ सिन्थेटिक ट्यूब को स्थाई तौर पर लगाने की मांग किया।
गंगा महासभा के पदाधिकारियों ने सभी सम्मानित गंगाभक्तो का स्वागत करते हुए भावी कार्य योजना मे सक्रिय भागीदारी करके पुण्य लाभ लेते रहने का विश्वास जताया ।
आयोजन मे सर्वश्रीशिव सेवक सिंह, कमलेश सिंह, योगेन्द्र कुमार पाण्डेय, चन्द्रदेव मिश्र, राजेन्द्र शुक्ल, राम लोचन सावरिया, सबरेज, वीरेन्द्र कुसुमाकर, एन पी मिश्रा, परमजीत सिंह, शौभिक सरकार, डां पी के राय, , सुनीता शर्मा, रेनू\ मिश्रा, मोहिनी श्रीवास्तव, टीएन मिश्रा, आदि गंगाभक्त आदि शामिल रहे।