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आशा वर्कर्स ने बकाया भुगतान सहित कई मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

 


मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन संबद्ध आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस के बैनर तले सीएचसी मेजा से संबंध आशा वर्कर्स ने अध्यक्ष  किरन सिंह के नेतृत्व में बुधवार को बकाया भुगतान सहित विभिन्न मांगों को लेकर अस्पताल में धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम सीएचसी मेजा के डॉक्टर बब्लू सोनकर को 13 सूत्रीय ज्ञापन सौप कर मांगों को अविलंब पूरा कराने की मांग की

आशा वर्कर्स  यूनियन की सचिव संध्या श्रीवास्तव ने बताया कि 1 मार्च 23 से 17 मार्च 23 तक पूरे प्रदेश में शांति पूर्ण प्रदर्शन के माध्यम से अपनी समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश हजारों आशा वर्करों ने की। किंतु पूरे प्रदेश में आशा कर्मियों से वसूली उनके कार्य की प्रोत्साहन राशियों में हेर फेर असीमित कार्य भुगतान में विलम्ब और भारी अनियमितता दुर्व्यवहार, उत्पीड़न लगातार जारी है। भ्रष्ट्राचार की जांच सहित अन्य सवालों को सुनना और उनका संज्ञान लेकर समस्याओं का समाधान करने का सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया । भ्रष्ट्राचार और लूट को उजागर करने के कारण उत्पीड़न अवश्य किया जाने लगा।उन्होंने बताया कि उन्हीं समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट करने और उनके समाधान के लिए आज राज्य स्तरीय सीएचसी / पीएचसी पर प्रदर्शन/धरना देते हुए आशा के साथ 13 मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रस्तुत कर मांग की। आशा व आशा संगीनियों का संपूर्ण 6700 /- रू० व 11000/-रु दर से व अन्य की प्रोत्साहन राशियों की भुगतान प्रणाली को आमूल चूल बदला जाए व सीधे जिला कोषागार से भुगतान करने की गारंटी की जाय।गोल्डन आयुष्मान कार्ड व दस्तक वेलनेस सेंटर में योगदान टी. बी. कुष्ट रोग निरोधक अभियान पोलियो के विरुद्ध अभियान हेल्थ प्रमोशन आदि समसामयिक कार्य में योगदान की वर्षों से बकाया अनुतोश राशियों का भुगतान अविलंब किया जाए। यही नहीं जुलाई 21 में अधिसूचित 750/- रु की प्रतिपूर्ति राशि व 17 में घोषित 750 रू प्रधानमंत्री प्रतिपूर्ति राशि का आंशिक भुगतान भी नही किया गया। अतः समस्त बकाया का आकलन करने के लिए एक त्रिपक्षीय कमेटी बनाई जाय जो इस वित्तीय बकाए का सही मूल्यांकन कर सभी का भुगतान सुनिश्चित किया जाय तथा इस पैसे के हेर फेर के जिम्मेदार अधिकारियों कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाय।

 सभी आशा कर्मियों को राज्य स्वास्थ्यकर्मी के रूप में मान्यता देकर उन्हें 45-46 वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के अनुरूप 21000 रु. न्यूनतम वेतन मंहगाई भत्ता दिये जाने की गारंटी की जाय। सभी आशा कर्मियों को कर्मचारी भविष्यनिधि (पी एफ) का सदस्य बनाया जाय वा विना पेंशन व ग्रेच्युटी के भुगतान किसी भी आशा कर्मी को सेवा से निवृत न किया जाए। वर्ष 17 से अब तक में सेवा के दौरान दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाली आशा व आशा संगीनियों के आश्रित को रू 20 लाख मुवावजा दिया जाए व विकलांग हो गई आशा कर्मियों को रू 10 लाख मुआवजा और रू 10,000/- मासिक पेंशन दी जाय। उत्पीडन पर रोक लगाने के लिए राज्य के सभी चिकित्सालयों को सर्कुलर जारी किया जाए व यौन हिंसा रोकने के लिए जिला स्तरीय जेंडर सेल का गठन किया जाए। उत्पीड़न पर रोक लगाने के लिए राज्य के सभी चिकित्सालयों को सर्कुलर जारी किया जाए व यौन हिंसा रोकने के लिए जिला स्तरीय जेंडर सेल का गठन किया जाए। सभी आशा व आशा संगीनियों को गोल्डन आयुष्मान कार्ड के बजाय10 लाख का स्वास्थ्य बीमा व 50 लाख का जीवन बीमा कवर दिया जाए। राज्य कर्मचारी बीमा निगम ( ई एस आई) का सदस्य बनाया जाय। 8 वर्षों से एक जगह कार्यरत जिला और पीएचसी/सीएचसी स्तर पर डीसीपीएम, बीसीपीएम सहित अन्य कर्मियों का कर्मचारी नियमावली के अनुसार 3 वर्ष के अंतराल में स्थानांतरण सुनिश्चित किया जाय और एक स्पस्ट तबादला नीति बनायी जाय। वर्तमान समय में एक ही जगह तीन वर्ष पूरे कर लेने वाले सीएमओ एसीएमओ डीसीपीएम, बीसीपीएम) बैम, सहित सभी कार्मिकों का तत्काल स्थानांतरण किया जाय।मोबाइल के जरिए आयुष्मान कार्ड बनाने और ई कवच डेटा फीडिंग का आदेश वापस लिया जाय और पूर्ववत डायरी जारी रखी जाय। सरकार द्वारा प्रदत्त मोबाइल वापस करने के लिए तैयार हैं, उन्हें जमा करने के लिए हर सीएचसी/पीएचसी पर जमा कर्ता कर्मचारी नियुक्त किया जाय। प्रदेश भर में भुगतान के नाम पर होने वाली वार्षिक 500 करोड़ रू से अधिक की घूसखोरी( भयातंकित कर की जाने वाली लूट) को रोकने के लिए एक निगरानी तंत्र बनाया जाय। पीएचसी / सीएचसी में होने वाले भ्रष्ट्राचार की प्रदेश मुख्यमंत्री की जानकारी में होने का गंभीर आरोप लगाने वाले पीएचसी खोराबार जनपद गोरखपुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी के विरुद्ध  मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के लिए अपराधिक मुकदमा दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी और विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

Svnews

आशा कर्मियों से बाउचर जमा करने में की जाने वाली वसूली तीमारदारों से उगाही बाहर से दवाएं व चिकित्सीय सामग्री की खरीद करवाने तथा आशा कर्मियो के परिश्रमिक में हेर फेर करने के विरुद्ध के कारण गोरखपुर जिलाध्यक्ष व जिला सचिव की सेवा समाप्ति का आदेश तत्काल वापस लिया जाय। सीएचसी कुबेर स्थान जनपद कुशीनगर के प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा आशा कर्मियों के साथ अभद्रता अमर्यादित व्यवहार और गाली गलौज करने के लिए उसके विरुद्ध अपराधिक मुकदमा दर्ज कर तत्काल कार्रवाई किए जाने की मांग की।डॉक्टर बब्लू सोनकर ने आशा कर्मियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि ज्ञापन को शीघ्र अधिकारी तक भेजकर बकाया भुगतान व अन्य मांगों को पूरा कराने का प्रयास किया जायेगा।इस दौरान डॉक्टर समीम अख्तर, डॉक्टर शाश्वत सिंह, एलटी दीपू तिवारी मौजूद रहे।प्रदर्शन में प्रमुख रूप से आशा राधा सिंह,शिव दुलारी, अमिता ,वर्मा,नेम कली, रानी ,ममता सहित लगभग 50 आशा वर्कर मौजूद रहीं।

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