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सिविल सेवा परीक्षा: बेटियों ने गाड़ा झंडा, 25 में 14 लड़कियों ने मारी बाजी

 

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी बधाई 

नई दिल्ली, एजेंसी। देश में सर्वाधिक प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा के पहले चार स्थानों पर जगह बनाकर बेटियों ने फिर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के परिणाम घोषित किए। परीक्षा में कुल 933 प्रतिभागी सफल रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की इशिता किशोर पहले और डीयू की ही गरिमा लोहिया दूसरे स्थान पर रही हैं। आइआइटी हैदराबाद से बीटेक कर चुकी उमा हराती तीसरे और डीयू की स्मृति मिश्रा चौथे स्थान पर रहीं। लगातार दूसरी साल सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष तीन स्थानों पर बेटियों ने जगह बनाई है।

पिछले साल श्रुति शर्मा, अंकिता अग्रवाल और गामिनी सिंगला क्रमश: शीर्ष तीन स्थानों पर रही थीं। सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन हर साल तीन चरणों में होता है। इनमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं। इस परीक्षा के आधार पर ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) समेत कुछ अन्य शीर्ष केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है।

यूपीएससी ने बताया कि परिणाम जारी होने के 15 दिन के भीतर परीक्षार्थियों के अंक यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा की रहने वाली इशिता डीयू के श्रीराम कालेज आफ कामर्स से अर्थशास्त्र में स्नातक हैं। उन्होंने राजनीति विज्ञान एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था। वहीं मूलत: बिहार के बक्सर की रहने वाली गरिमा लोहिया डीयू के किरोड़ीमल कालेज से कामर्स में स्नातक हैं।

उन्होंने कामर्स एवं अकाउंटेंसी का वैकल्पिक विषय रखा था। सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक कर चुकी उमा हराती मूलत: तेलंगाना के नालगोंडा जिले की हैं। उन्होंने एंथ्रोपोलाजी को वैकल्पिक विषय बनाया था। डीयू के मिरांडा हाउस कालेज से बीएससी कर चुकी स्मृति मिश्रा ने जीव विज्ञान को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था। पांचवें स्थान पर असम के मयूर हजारिका ने जगह बनाई है। उन्होंने भारतीय विदेश सेवा में जाने का फैसला किया है।

शीर्ष 25 में 14 लड़कियों ने बाजी मारी है। कुल चयनित परिक्षार्थियों में 613 लड़के और 320 लड़कियां हैं। विभिन्न वर्गों में कुल 41 दिव्यांग प्रतिभागी सफल रहे हैं।

मैं बहुत खुश हूं। मेरा सपना साकार हुआ है। मैं अपने परिवार की आभारी हूं। दो बार विफल रहने के बाद उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया। यह मेरे कठिन परिश्रम का परिणाम है। मैंने उत्तर प्रदेश कैडर को अपनी प्राथमिकता में रखा है। (इशिता किशोर, प्रथम स्थान)

छोटे शहरों के लोगों के भी ख्वाब बड़े होते हैं। इंटरनेट के जमाने में गरीब और धनी, छोटे और बड़े शहरों का फासला कम हुआ है। मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा मेरी मां हैं। पहली बार असफल रहने पर उन्होंने मेरा भरोसा बढ़ाया। वह चाहती थीं कि मैं आइएएस अफसर बनूं। मैं चाहूंगी कि मुझे बिहार कैडर ही मिले। मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि समाज से जो कुछ हासिल किया, उसे लौटा सकूं। (गरिमा लोहिया, दूसरा स्थान)

जानकारी और किताबें तो हर जगह उपलब्ध हैं। इनके साथ ही जरूरी है परिवार का सहयोग एवं समर्थन। मैं पांच साल से तैयारी कर रही थी। मेरे परिवार ने मुझ पर भरोसा किया। जहां से प्रेरणा मिले, ले लेनी चाहिए। मेरी कहानी से भी किसी को प्रेरणा मिले, तो मुझे खुशी होगी। (उमा हराती, तीसरा स्थान)

प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई -

सिविल सेवा परीक्षा में सफल रहे युवाओं को बधाई। सार्थक एवं संतोषजनक करियर के लिए मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। यह राष्ट्र की सेवा करने और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की ²ष्टि से बहुत उत्साहजनक समय है। विफल प्रतिभागियों की निराशा भी मैं समझता हूं। उनके पास न केवल और मौके हैं, बल्कि उनके सामने अपनी प्रतिभा दिखाने के कई अन्य अवसर भी हैं।

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