प्रयागराज (राजेश सिंह)। माफिया अतीक अहमद और अशरफ के चालीसवें पर कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सन्नाटा पसरा रहा। परिवार का कोई भी सदस्य कब्र पर नहीं पहुंचा। चालीसवें पर शाइस्ता परवीन के कब्रिस्तान आने की सूचना पर पुलिस अलर्ट मोड में रही। महिला पुलिस को भी सक्रिय कर दिया गया था और हर तरफ निगरानी रखी जा रही थी। पुलिस कब्रिस्तान पर भी नजर बनाए रही लेकिन वहां सन्नाटा ही पसरा रहा। इस्लाम धर्म में किसी की मौत पर चालीसवां किया जाता है। मौत के चालीस दिन के भीतर कब्र पर फूल चढ़ाया जाता है। परिवार के लोग कब्र पर पहुंचकर अकीदत के फूल चढ़ाते हैं और फातेहा का पाठ करते हैं। पुलिस को शक था कि 50 हजार की इनामी और माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन चोरी चुपके कब्र पर जाकर शौहर और देवर के साथ ही बेटे असद के कब्र पर फूल चढ़ा सकती है। पुलिस सुबह से ही कब्रिस्तान पर नजर बनाए रही लेकिन दोपहर बाद तक कब्रिस्तान में सन्नाटा पसरा रहा।
माफिया अतीक अहमद की पत्नी और 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन फरार चल रही है। पुलिस उसकी खोजबीन कर रही है, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल रहा है। पुलिस उस पर इनाम राशि और बढ़ाने की तैयारी में है। अतीक बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में बंद है। दूसरे नंबर का बेटा नैनी जेल में है। तीसरे नंबर के बेटे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया है। चौथे और पांचवें नंबर के बेटे अहजम और आवान राजरूपपुर स्थित बाल सुधार गृह में बंद हैं। अधिकांश रिश्तेदार जेल में बंद हैं या फिर फरार चल रहे हैं।