मेजा, प्रयागराज। (हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
जीवन निर्माण में विचारों एवं संगति की बड़ी भूमिका होती है संगत हमारे विचारों का निर्धारण करती है और विचारों से ही हमारे व्यक्तित्व का निर्माण होता है उक्त उद्गार मेजा के भटौती पहाड़ी पर स्थित शुभम कंस्ट्रक्शन के प्रबंधक व विचारशील पुरुष पंडित विशाल शुक्ला ने एक कथा कार्यक्रम में प्रेस वार्ता के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आप जो करते हैं उसका प्रभाव आपके साथ-साथ आपके संपर्क में आने वाले लोगों पर भी पड़ता है। इसी प्रकार आप के संपर्क में आने वाले दूसरे लोग जो कुछ करेंगे उसका प्रभाव भी आपके व्यक्तिगत जीवन पर अवश्य पड़ेगा। इतना ही नहीं मैनेजर ने यह भी कहा कि चंदन वृक्ष की संगत से सामान्य वृक्षों में सुगंधि आने लग जाती है और दूध की संगत से पानी का भाव भी बढ़ जाता है जीवन में आपका परिवेश आपका संघ आपका समाज आपके जीवन को मूल्यवान अथवा निर्मल बना देता है। उनका मानना है कि दृढ़ संकल्प और पूरा प्रयास करने पर भी अनेकों बार आपको मनवांछित फल प्राप्त नहीं होता। आप स्वयं अपने तथाकथित कार्यों के न तो कर्ता है और न ही नियंता। आप मात्र एक साधन है।आप केवल प्रयास कर सकते हैं पर सफलता के लिए आप उस परमात्मा सर्वोच्च शक्ति पर आश्रित है। इसलिए उचित यही है कि आप निष्ठावान हो एवं परमात्मा के शरणागत हो अपनी इच्छा प्रभु की इच्छा में मिला दें ।