जवाली, राजस्थान (अजय कुमार जैन)। निकटवर्ती देवली पाबूजी ग्राम में गुरुवार को राष्ट्र संतों का धूमधाम से हुआ मंगल प्रवेश ।इस दौरान राष्ट्र-संत ललितप्रभ महाराज ने कहा कि अगर हमारा फैसला है कि मैं हर हाल में खुश रहूँगा तो दुनिया की कोई ताकत हमें नाखुश नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि आनंद हमारा स्वभाव है इसलिए खाने को मिल जाए तो खाने का आनंद लें और न मिले तो उपवास का आनंद लें, चलें तो यात्रा आनंद लें और बैठें तो आनंद की यात्रा करें। शादी हो जाए तो संसार का आनंद लें और न हो तो शील का आनंद लें। व्यक्ति को हर परिस्थिति का आनंद लेने की कला सीख लेनी चाहिए। जो अपने आपको किसी भी हालत में प्रभावित होने नहीं देता वह सदा खुश रहता है।
संत प्रवर यहां जैन मंदिर में आयोजित प्रवचन के दौरान श्रद्धालु भाई बहनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि घर-परिवार के लोग तो जैसे हैं वैसे ही रहेंगे, इसलिए उनके सुधारने की भूल न करें। पूरी दुनिया को सुधारने का ठेका न तो भगवान का है न हमारा, पर अगर हमने खुद को सुधार लिया तो सदा खुश रहने में सफल हो जाएंगे।
खुश रहने का पहला मंत्र देते हुए संत ने कहा कि दुनिया में जो मिला है, जैसा मिला है, उसका स्वागत करना सीखें। अगर बेटा कहना माने तो ठीक और न कहना मानें तो सोचें कि रोज-रोज कहने की झंझट समाप्त हो गई। हमें कहीं सम्मान मिलने वाला, पर उसके बदले अपमान मिल जाए तो उसे सहजता से स्वीकार कर लें। भगवान ने हमें हमारे भाग्य से ज्यादा दिया है इसलिए रोना रोने की बजाय हर हाल में संतुष्ट रहें और जो मिला है उसके लिए भगवान को शुक राना अदा करें। उन्होंने कहा कि भगवान से दो लोग माँगते हैं जो मंदिर के बाहर मांगते है वे गरीब भिखारी हैं, पर जो मंदिर के अंदर मांगते हैं वे अमीर भिखारी हैं। इसलिए व्यक्ति अमीर बने, पर असंतुष्ट अमीर नहीं, नहीं तो हम सदा भिखारी बनें रहेंगे।इस अवसर पर मुनि शांतिप्रिय सागर जी ने कहा कि हमेशा मुस्कुराते हुए जिएँ। मुस्कुराता हुआ चेहरा दुनिया का सबसे खूबसूरत चेहरा होता है। काला व्यक्ति भी जब मुस्कुराता है तो बहुत सुंदर लगता है, और गौरा अगर मुँह लटकाकर बैठ जाए तो बहुत भद्दा दिखने लग जाता है। इसलिए हर दिन की शुरुआत मुस्कुराते हुए करें। हमारे जेब में भले ही न हो मोबाइल पर चेहरे पर सदा रहे स्माइल। उदाहरण से सीख देते हुए संतप्रवर ने कहा कि जब हम फोटोग्राफर के सामने पांच सैकंड मुस्कुराते हैं तो हमारा फोटो सुंदर आता है और हम अगर हर पल मुस्कुराएंगे तो सोचो हमारी जिंदगी कितनी सुंदर बन जाएगी।इससे पूर्व संत ललित प्रभ महाराज, राष्ट्रसंत चंद्रप्रभ महाराज और मुनि शांतिप्रिय महाराज के नागर आगमन पर सकल जैन समाज के और अन्य समाज के श्रद्धालु भाई बहनों द्वारा धूमधाम से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में इस मौके पर मोतीलाल कटारिया उत्तम गान्धी जवाली, जितेन्द्र बलाई, छ्गन बलाई, विजय जैन, मगसिंह राजपुरोहित, संजय गांधी, प्रकाश परमार ,चन्दनदास वैष्णव, सहित बड़ी संख्या ग्रामीण उपस्थित थे।राष्ट्रसंत नाडोल नारलाई होते हुए 19 जून को राजसमंद पहुंचेंगे जहां उनके 5 दिन की विराट प्रवचन माला सुबह 8:45 से 10:30 बजे तक स्टेशन रोड स्थित प्रज्ञा विहार में आयोजित होगी जिसमें यहां के अनेक श्रद्धालु भाग लेंगे। फ़ोटो: जवाली निकटवर्ती देवली पाबूजी ग्राम में गुरुवार को राष्ट्र संतों का मंगल प्रवेश के दौरान उपस्थित श्रद्धालु ।