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माफिया मुख्तार को सजा सुनाए जाने के बाद लगे हर-हर महादेव के नारे, वकीलों ने काटा केक

 

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वाराणसी (राजेश शुक्ला/राजेश सिंह)। माफिया मुख्तार अंसारी को 32 साल पुराने मामले में वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है। अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जिसके बाद इस फैसले का पूरे उत्तर प्रदेश में स्वागत हो रहा है। बीजेपी नेता इसे अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई बताकर सरकार की तारीफ कर रहे हैं, वहीं इस अहम फैसले के बाद वकील भी जश्न मनाते नजर आए। कोर्ट परिसर में वकीलों ने जमकर नारेबाजी की और केक भी काटा। वकीलों ने इस दौरान हर-हर महादेव के नारे लगाए, साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ की भी जमकर तारीफ की।  सोमवार 5 जून को योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन भी था, इसी दिन माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ कोर्ट ने फैसला सुनाया और सजा का ऐलान हुआ। इस मौके पर वकीलों ने कोर्ट परिसर में सीएम योगी के जन्मदिन का केक काटकर दोनों जश्न साथ में मनाए. इस दौरान वकीलों ने काफी देर तक नारेबाजी भी की। वकीलों ने योगी सरकार की प्रभावी पैरवी और जीरो टॉलरेंस की नीति को श्रेय दिया। कोर्ट में मौजूद बाकी लोगों ने भी मुख्तार अंसारी को सजा सुनाए जाने के फैसले का स्वागत किया और जश्न मनाया।

बता दें कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ 61 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से अब तक 6 मामलों में उसे सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें भी पांच मामलों में मुख्तार अंसारी को योगी सरकार के दौरान सजा सुनाई गई है। सोमवार को वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 31 साल 10 महीने पुराने चर्चित अवधेश राय हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. मुख्तार अंसारी को उसके गुनाहों के लिए पहली बार आजीवन कारावास की सजा हुई है।

कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की तीन अगस्त, 1991 को उनके वाराणसी के लहुराबीर स्थित आवास के दरवाजे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अजय राय और उनके भाई घर वाराणसी स्थित अपने घर के दरवाजे पर खड़े थे, तभी मुख्तार अंसारी सहित कुछ हमलावर वहां एक कार से पहुंचे और अवधेश को गोली मार दी। अजय राय ने जवाबी कार्रवाई में अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से गोली चलायी थी, जिसके बाद हमलावर कार छोड़कर फरार हो गए. इसके बाद अवधेश को कबीरचौरा के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मुख्तार अंसारी पड़ोसी जिले मऊ की मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रह चुका है. मुख्तार अंसारी ने 2022 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और उसकी सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से किस्मत आजमा रहे उसके बेटे अब्बास अंसारी को विधायक चुना गया था. गाजीपुर की एक अदालत ने 29 अप्रैल को तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज 2007 के एक मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल और उसके भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की जेल की सजा सुनाई थी।

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