मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
जब अभिभावक खुद जागरूक नहीं हैं तो बच्चे क्यों जागरूक होंगे। अभिभावक अपने बच्चों के लिए दस मिनट एक घंटा समय नहीं दे सकते हैं तो बच्चे का भविष्य बनाने के किये कैसे हक मांगते हैं। बच्चों के प्रति अभिभावक को समय देना होगा। ये बातें शिवगुलाब तिवारी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल पवन तिवारी ने कही। वे शनिवार को विद्यालय में आयोजित शिक्षक - अभिभावक सम्मेलन में बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि अभिभावकों का पीटीएम में आना बच्चों के विकास की सकारात्मक सीढ़ी है। पेरेंट टीचर मीटिंग में बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ-साथ उनके निजी जीवन पर भी खुलकर चर्चा करने से फीडबैक वास्तव में बच्चों के लिए मददगार होता है। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि बच्चे जो स्कूल से पढ़कर जाते हैं उसकी जांच करें। उनसे पूछें कि कौन सा सिलेबस पूरा हुआ है और कौन अधूरा है। बच्चे भी तभी उत्सुक होंगे।
श्री तिवारी ने शिक्षक - अभिभावक बैठक के उद्देश्य को विस्तार से बताते हुए कहा कि शिक्षक,अभिभावक और बच्चों के एक साथ मिलने से बच्चों के विकास में सकारात्मक कदम है। अभिभावको को अपने बच्चों में कमी और विद्यालय को सुझाव के रूप में अपने बातें साझा करने का एक अच्छा मौका होता है। बैठक में उपस्थित अभिभावकों ने इसका समर्थन करते हुए हर संभव बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए आश्वस्त किया है।इस मौके पर प्रिंसिपल के अलावा जया मैम,शिवानी मैम,ममता मैम,रबीना मैम सहित सभी शिक्षक मौजूद रहे