लिखा था- 'धोबी की डॉगी, ना घर की ना घाट की'
प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज में सपा के सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। शिवकुटी थाने में मनीष जगन पर आईपीसी की धारा 354बी, 507, 509 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत केस दर्ज हुआ है।
दरअसल, एक दिन पहले मनीष जगन ने अपने ट्वीटर हैंडल पर “धोबी की डॉगी, ना घर की ना घाट की, वैशाली की नगर वधू.. ना दूसरे के घर की ना अपने घर की” लिखकर पोस्ट किया था। आरोप है कि यह ट्वीट सपा से निष्काषित डॉ. ऋचा सिंह के लिए किया गया था। जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पुलिस महानिदेशक के साथ अखिलेश यादव को टैग करके मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही थाने में भी शिकायत की। हालांकि मनीष जगन ने कुछ ट्वीट बाद में डिलीट कर दिए गए थे, लेकिन ऋचा सिंह ने इन ट्वीट को शेयर किया। ऋचा ने कहा कि महिलाओं के लिए आपत्तिजनक पोस्ट किए जाने वाले मनीष जगन के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
ऋचा सिंह ने एक वीडियो में कहा कि मनीष जगन अग्रवाल पहली बार विवादों में नहीं घिरे हैं। इसके पहले भी भाजपा की एक महिला नेत्री, एक महिला पत्रकार एवं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या को लेकर उन्होंने विवादित ट्वीट किए थे जिसके चलते वो लखनऊ में गिरफ़्तार भी हुए थे। उनकी गिरफ़्तारी के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वयं पुलिस महानिदेशक कार्यालय पहुंच गए थे जिसके कुछ देर बाद मनीष जगन अग्रवाल को छोड़ दिया गया था।
ऋचा सिंह सपा के टिकट से विधानसभा का चुनाव शहर पश्चिमी से लड़ चुकी हैं लेकिन इस समय वह सपा से बाहर हैं। इस पर मनीष जगन अग्रवाल ने ऋचा सिंह के खिलाफ ट्वीट किया था।
मनीष जगन अग्रवाल को इसी साल जनवरी महीने में सोशल मीडिया पर अमर्यादित पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत बीजेपी के कई अन्य नेताओं के खिलाफ अमर्यादित पोस्ट करने के मामले में गिरफ्तार किया था।
बीजेपी नेता रिचा राजपूत ने मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। मनीष जगन अग्रवाल को छुड़ाने के लिए अखिलेश यादव लखनऊ में डीजीपी ऑफिस पहुंच गए थे और इस दौरान उनकी पुलिस वालों से तीखी झड़प भी हुई थी। हालांकि बाद में मनीष जगन अग्रवाल को जमानत पर छोड़ा गया था।