बंगलूरू। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतर गया। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की।
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने चंद्रयान-3 की एतिहासिक लैंडिंग के लिए भारत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मिशन में शामिल सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। मिशन और अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के साथ अधिक व्यापक रूप से साझेदारी करने पर गर्व महसूस हो रहा है।
भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद वीरेंद्र शर्मा ने चंद्रयान-3 की सफलता पर भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत की इस सफलता से पूरी दुनिया खुश है। दुनिया भर में फैले भारतीयों में खुशी का माहैल है।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के लिए भारत की सराहना की और कहा कि यह ब्रिक्स के सभी देशों के लिए खुशी की बात है। रामाफोसा ने कहा, हम एक ऐसी दुनिया में हैं जिसका कोई अंत नहीं है। इसकी खोज करके और इसके साथ अपने रिश्ते को बढ़ाकर हम इसे और अधिक अपना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह और कई अन्य उपलब्धियां हमें समृद्धि, प्रगति और शांति की ओर आगे बढ़ने में सक्षम बनाती हैं।
चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत न सिर्फ चांद पर कदम रखा है, बल्कि आगे की असीमित संभावनाओं पर भी अपनी नजरें गड़ाए हुए है। कंबोज ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत अपने वैज्ञानिकों के समर्पण और प्रतिभा से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच गया है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। उन्होंने कहा, यह उपलब्धि न केवल चंद्रमा पर भारत की उपस्थिति का प्रतीक है, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं का भी प्रतीक है। साथ ही यह मानवता के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अज्ञात क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं।
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने बुधवार को इसरो के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग का जश्न मनाया। उच्चायोग में लोगों ने श्भारत माता की जयश् और श्वंदे मातरमश् के नारे लगाए। वहीं, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने भी चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर भारत को बधाई दी। एलिस ने एक्स पर लिखा, दुनिया के लिए भारत के लिए बड़ा लमहा...बधाई हो।
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने पर भारत, इसरो और इस मिशन में शामिल की पूरी टीम को बधाई दी। एरिक गार्सेटी ने सोशल मीडिया श्एक्सश् पर ट्वीट किया, इस तरह भारत ने चांद पर कदम रख दिया है। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर भारत, इसरो और पूरी टीम को बधाई! मैं अमेरिका-भारत अंतरिक्ष सहयोग के लिए आगे रोमांचक अवसर देख सकता हूं।
वहीं, अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में काउंसलर (अंतरिक्ष) क्रुणाल जोशी चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद भावुक हो गए। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि चंद्रयान-3 भारत के नेतृत्व में अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण और टिकाऊ अन्वेषण की दिशा में आगे बढ़ेगा।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर इसरो को बधाई दी। उन्होंने कहा, यह वाकई अविश्वसनीय लमहा है। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो को बधाई। चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया।
लंदन में भारतीय उच्चायोग में लोग चंद्रमा पर इसरो के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग का जश्न मना रहे हैं। इस दौरान लोग श्भारत माता की जयश् और श्वंदे मातरमश् के नारे लगा रहे हैं।
चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान बाहर निकल आया है। अब चांद की सतह पर चहलकदमी करेगा।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चंद्रयान -3 मिशन की सफल लैंडिंग पर भारत को बधाई दी। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई संदेश भेजा। रूस की सरकार के मुताबिक, पुतिन ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की सफल लैंडिंग के अवसर पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें। चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास है। यह अंतरिक्ष अन्वेषण में एक बड़ा कदम है और निश्चित रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत द्वारा की गई प्रभावशाली प्रगति का प्रमाण है। कृपया इस उपलब्धियों के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नेतृत्व और कर्मचारियों को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दें।