मांडा, प्रयागराज (शशिभूषण द्विवेदी)। अनपरा की चार विद्युत इकाई बंद होने से जिगना से मांग के अनुरूप बिजली न मिल पाने के कारण मांडा व मेजा को तीन दिन पहले तक मात्र सात या आठ घंटे प्रतिदिन बिजली मिलती थी, लेकिन पिछले दो दिनों से औसत दस घंटे बिजली आपूर्ति का दावा विभागीय अधिकारी कर रहे हैं।
एक तरफ प्रदेश सरकार बुंदेलखंड के मानक के अनुसार मेजा, मांडा को बीस घंटे बिजली देने की घोषणा कर रही है, तो दूसरी ओर मेजा व मांडा के बिजली विभाग के एसडीओ ध्रुव कुमार सिंह ने कहा कि अनपरा की चार विद्युत इकाई बंद होने के कारण जिगना से मांडा व मेजा क्षेत्र को अपेक्षित बिजली उपलब्ध न करा पाने के कारण मेजा, मांडा में उनका विभाग सोमवार से बुधवार तक मात्र सात, आठ घंटे और गुरुवार को दस घंटे बिजली दी गयी। आपूर्ति न होने से विभाग चाहकर भी बिजली नहीं दे पा रहा है। इन आठ घंटों में यदि रात में जर्जर तार टूटते हैं, तो पूरी रात व दूसरे दिन दोपहर तक संबंधित फीडर की बिजली बाधित रहती है। मंगलवार सायं मांडा खास फीडर पर तार टूटने के कारण मांडा खास, भरारी, खवास का तारा, गिरधरपुर आदि एक दर्जन गांवों की बिजली मंगलवार पूरी रात और बुधवार दोपहर 11 बजे तक बाधित रही। एसडीओ ने कहा कि जंगली क्षेत्र होने के कारण रात में टूटे तार बनाने के लिए कोई कर्मचारी तैयार नहीं होता, इसलिए मजबूरन बिजली बाधित करनी पड़ती है।
पिछले एक पखवाड़े से मांडा क्षेत्र के 190 गांवों व भारतगंज कस्बे के लोगों को सात घंटे भी प्रतिदिन बिजली न मिल पाने से उमस भरी गर्मी में लोगों का जीना मुहाल है। बिजली न रहने पर मांडा खास प्रथम, द्वितीय, राजापुर और धनावल आदि पेयजल समूहों और भारतगंज कस्बे के उपभोक्ताओं को अपेक्षित पानी भी नहीं मिल पा रहा है। बिजली, पानी न मिल पाने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बिजली रहने पर भी जगह जगह जर्जर विद्युत तार टूटने के कारण अक्सर विभिन्न फीडर की लाइन बाधित रहती है।