आम नागरिकों पर हो रही कार्रवाई
प्रयागराज (राजेश सिंह)। जुर्माना न चालान, बिना एचएसआरपी के दौड़ रहे पुलिस के वाहन दौड़ रहे हैं, आम नागरिकों पर कार्रवाई हो रही है। छह महीने का वक्त बीतने के बाद भी जिले में पुलिस विभाग के तमाम वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लग सकी हैं। हाल यह है कि जहां आम राहगीर को इसके लिए जुर्माना भरना पड़ता है, वहीं नियम ताक पर रखकर पुलिस विभाग के वाहन बेरोकटोक सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इसके बावजूद इस पर किसी का न तो ध्यान है और न ही इसे लेकर कोई सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
2019 से पूर्व के सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। कई बार इसकी मियाद बढ़ाने के बाद आखिरकार इसी साल 16 फरवरी से ऐसे वाहनों के चालान की कार्रवाई प्रदेश में शुरू की गई, जो बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के सड़कों पर दौड़ रहे थे। तब से लेकर अब तक लगभग छह महीने का वक्त बीत चुका है।
इस दौरान आम राहगीरों पर तो कार्रवाई की जा रही है, लेकिन पुलिस विभाग के तमाम ऐसे वाहन हैं जिनमें अब तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लग सकी हैं। जिला पुलिस की बात की जाए तो यहां कुल मिलाकर लगभग 500 वाहन हैं। हालांकि, इनमें से अफसरों व कुछ अन्य वाहनों को छोड़ दें तो ज्यादातर ऐसे हैं जो अब भी बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
इस बारे में जब आरआई एमटी नागेंद्र मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पुलिस वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाए जाने का काम जारी है। बहुत से वाहनों में एचएसआरपी लग चुकी हैं और शेष में भी जल्द ही लगवा दी जाएंगी। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि कार्रवाई शुरू होने के छह महीने बीतने के बाद भी सभी वाहनों में एचएसआरपी क्यों नहीं लगवाई जा सकीं, तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए।
पुलिस वाहन बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के सड़कों पर दौड़ रहे हैं, लेकिन इसी नियम का पालन न करने पर जनपद में आम राहगीरों से इस साल अब तक 1.4 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है। 16 फरवरी से बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगे वाहनों पर कार्रवाई प्रदेश में शुरू हुई। तब से लेकर अब तक छह महीने का समय बीत चुका है, जिसमें करीब 2800 वाहनों का चालान हुआ है। एचएसआरपी न लगी होने पर पहली बार में पांच हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
नए वाहनों में एचएसआरपी लगकर आ रही हैं। पुराने वाहनों में इसे लगाए जाने का काम प्रक्रिया में है। जल्द ही इसे पूरा कराया जाएगा। - रविशंकर निम, एडीसीपी लाइन