प्रयागराज (राजेश सिंह)। कैंट में 13 माह पहले 20 साल के सिद्धार्थ कुमार की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने इसे पानी में डूबने से मौत का मामला बताया था। हालांकि, कोर्ट के आदेश पर अब हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। मृतक के पिता ने साक्ष्य छिपाने का भी आरोप लगाया है। पुलिस विवेचना में जुट गई है।
कैंट के नेवादा हेस्टिंग्स रोड निवासी सिद्धार्थ का शव पिछले साल 24 जुलाई को गंगा नदी में मिला था। पिता अशोक कुमार कोरी ने तहरीर देकर बताया था कि 23 जुलाई 2022 को बेटा जानवर लेकर गंगा नदी के पास गया था, लेकिन इसके बाद वापस नहीं लौटा। उसके मोबाइल पर कॉल किया तो कभी घंटी जाती और कभी बंद हो जाती।
उन्होंने बताया कि रात 11 से एक बजे के बीच किसी अज्ञात महिला ने तीन बार फोन उठाया और हैलो बोलकर काट दिया। 24 जुलाई की दोपहर 12 से एक बजे के बीच भी ऐसा ही हुआ। उसी दिन दोपहर बाद मऊ कछार गंगा नदी के किनारे से लौटते वक्त गांव के ही मोहिल व जीवा को बेटे की साइकिल मिली।
उधर, खोजबीन के दौरान उसके बड़े बेटे सुधांशु व मोहल्ले के ही नन्हा को गंगा नदी के पूर्वी किनारे पर बेटे सिद्दार्थ का शव मिला। उसके शरीर पर चोट के निशान के साथ नाक व कान के पास खून भी लगा था। गर्दन की हड्डी टूटी थी। इससे आशंका थी कि उसकी हत्या की गई है। आरोप है कि उसी दिन तहरीर देने के बावजूद कैंट पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में गुहार लगाई। अब कोर्ट के आदेश पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
पिता का आरोप है कि कार्रवाई न होने पर उन्होंने उच्चाधिकारियों से कई बार मिलकर गुहार लगाई। इस पर तत्कालीन एडीजी जोन ने राजपत्रित अधिकारी की कमेटी गठित कर जांच व एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा थाना पुलिस ने डूबने से मौत की रिपोर्ट देकर लीपापोती कर दी। पिता ने यह भी बताया कि नाली के गंदे पानी को लेकर मोहल्ले के कुछ लोगों से मारपीट हुई थी। इसमें बड़े बेटे की नाक कटने के साथ ही छोटे बेटे को काफी चोटें आई थीं। लेकिन कैंट पुलिस ने इसमें भी एनसीआर ही लिखी थी।