प्रयागराज (राजेश शुक्ल/राजेश सिंह)। महाकुंभ 2025 के पहले अक्षयवट के आसपास भी बड़े स्तर पर संवारने की तैयारी चल रही है। सेना के इंजीनियर जल्द दी इसकी थीम को अंतिम रूप देने के लिए पीडीए के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके निर्माण में होने वाला खर्च प्रयागराज स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड के मद से सेना को दिया जाएगा।
त्रिवेणी संगम के तट पर स्थित अक्षयवट का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को जल्द वहां जाने वाले मार्ग पर पुराणों की महिमा की छाप दिखेगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। अक्षयवट तक जाने वाले मार्ग पर उससे जुड़ी कथा, पुराणों के वर्णन को लैंड स्केप और मूर्तियों के जरिये सवांरने की जिम्मेदारी पीडीए ने एमईएस (मिलेट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज) को दी है।
महाकुंभ 2025 के पहले अक्षयवट के आसपास भी बड़े स्तर पर संवारने की तैयारी चल रही है। सेना के इंजीनियर जल्द दी इसकी थीम को अंतिम रूप देने के लिए पीडीए के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके निर्माण में होने वाला खर्च प्रयागराज स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड के मद से सेना को दिया जाएगा। पीडीए के अधिकारियों के मुताबिक अक्षयवट के मार्ग को किस थीम पर तैयार कराया जाए, इसको लेकर लगभग अंतिम निर्णय हो चुका है।
सेना के साथ इसी सप्ताह होने वाली बैठक में मुहर लग जाएगी। अभी तक लिए गए निर्णय के अनुसार अक्षयवट के इतिहास को रेखांकित किया जाएगा। इसमें लैंड स्केप, म्यूरल, स्कल्चर आदि को अक्षयवट जाने वाले मार्ग पर तैयार कराया जाएगा। इससे अक्षयवट का दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं की उसकी महिमा और उसके इतिहास के बारे में सही प्रकार से जानकारी हो सकेगी। इसके साथ ही प्रयागराज के महत्व को भी जाने वाले मार्ग की दीवारों पर रेखांकित किया जाएगा।
त्रिवेणी पर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को अक्षयवट दर्शन करने के दौरान अलग अनुभव होगा। पूरा कार्य कुंभ के पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे कुंभ के दौरान इसको श्रद्धालुओं के लिए खोला जा सके।