मंगला आरती के पश्चात भक्तों ने किया मां का दीदार
शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन भक्तों ने किया माता शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन
मेजा, प्रयागराज (राजेश शुक्ला)। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मंगला आरती श्रृंगार के उपरांत मां शीतला व माता सवालखी का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। अब 24 घंटे मां का पट भक्तों के लिए खुला रहेगा।
रविवार को शारदीय नवरात्रि के दिन पहुंचे भक्तों ने सर्वप्रथम गंगा में आस्था की डुबकी लगाई फिर माता शीतला धाम रामनगर, सोरांव-पांती गांव स्थित माता सवालखी दरबार और दिघिया स्थित मां बाराही माता के प्रांगण व आस-पास सजी प्रसाद की दुकानों से माला फूल प्रसाद लेकर जयकारा के साथ मांता के प्रथम स्वरूप का दर्शन पूजन किया।
ज्योतिषाचार्य पंडित कमला शंकर उपाध्याय (मेजा) के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्नान-ध्यान कर लें। इसके बाद अपने पूजाघर की साफ-सफाई करें। फिर पूजाघर में एक चौकी स्थापित करें और उस पर गंगाजल छिड़क दें। इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर माता के सभी स्वरूपों को स्थापित करें। अब आप मां शैलपुत्री की वंदना करते हुए व्रत का संकल्प लें। माता रानी को अक्षत्, धूप, दीप, फूल, फल, मिठाई, नैवेद्य आदि अर्पित करें। मनोकामना पूर्ति के लिए मां शैलपुत्री को कनेर पुष्प चढ़ाएं और उनको गाय के घी का भोग लगाएं। पूजा के दौरान मां शैलपुत्री के मंत्रों का उच्चारण करें। आखिरी में घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें। यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा का दोष है या चंद्रमा कमजोर है तो आप मां शैलपुत्री की पूजा जरूर करें। इससे आपको काफी लाभ होगा।
मां शैलपुत्री का पूजा मंत्र
ओम देवी शैलपुत्र्यै नमः
मां शैलपुत्री का प्रार्थना मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
मां शैलपुत्री का बीज मंत्र
ह्रीं शिवायै नम: