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विंध्याचल: कात्यायनी के स्वरूप का भक्तों ने किए दर्शन, गलियों में गूंजा- जग जननी जय जय

SV News

मिर्जापुर (राजेश सिंह)। मिर्जापुर जिले के विंध्याचल में विराजमान मां विंध्यवासिनी के दरबार में शारदीय नवरात्र की षष्ठी तिथि पर शुक्रवार को विंध्याचल में माता भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के कात्यायनी स्वरूप का दर्शन पूजन किया। मंगला आरती के बाद से शुरू हुआ दर्शन-पूजन अनवरत जारी है। सुबह से दोपहर 12 तक डेढ़ लाख से अधिक भक्तों ने माता दरबार में पहुंचकर सुख, समृद्धि की मंगलकामना की। गंगा घाटों पर शुक्रवार की भोर से ही स्नान-ध्यान का सिलसिला चलता रहा। त्रिकोण पथ पर स्थित अष्टभुजा और कालीखोह मंदिरों पर भी भक्तों की भारी भीड़ रही।

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मां के दर्शन पूजन के लिए बिहार, झारखंड, गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, बलिया, कानपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़, दिल्ली और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के बड़ी संख्या में लोग निजी वाहनों से विंध्यधाम पहुंचे । मां का दर्शन पूजन करने से पहले भक्तों ने गंगा स्नान किया। हाथों में नारियल-चुनरी लिए श्रद्धालु मंदिर के बाहर लंबी कतारों में लगे रहे। धाम की सातों गलियां देवी भक्तों से पटी रहीं। माता के जयकारे गुंजते रहे। मंगला आरती के बाद कपाट खुलते ही गुड़हल, कमल व गुलाब पुष्पों सहित रत्न जड़ित हार से माता के हुए भव्य श्रृंगार का दर्शन कर देवी भक्त निहाल हो उठे।
शारदीय नवरात्र मेले के छठवें दिन देवी मंदिर पर स्थानीय सहित देश के कोने-कोने से पहुंचे भक्तों ने हाजिरी लगाई। दर्शन-पूजन के बीच घंटा, घड़ियाल, शंख और नगाड़ा के साथ पहाड़ा वाली के जय- जयकारे से मंदिर परिसर गुंजायमान रहा। गंगा घाटों पर मुंडन संस्कार कराने वाले भक्तों का तांता लगा रहा। गर्भगृह की ओर जाने वाले मार्ग पर लंबी कतार देख अधिकांश श्रद्धालुओं ने झांकी से ही मां विंध्यवासिनी की एक झलक पाकर धन्य हुए। मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के पश्चात त्रिकोण मार्ग पर निकले श्रद्धालुओं से कालीखोह स्थित काली व अष्टभुजा मंदिर गुलजार रहा। दोनों मंदिरों पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। कालीखोह में माता काली के दर्शन-पूजन के पश्चात बगल में स्थित सीढ़ियों के रास्ते भक्त अष्टभुजा मंदिर की ओर प्रस्थान करते दिखे। लगभग ढाई किलोमीटर दुर्गम पहाड़ी रास्तों के बीच गुजरते वक्त श्रद्धालुओं को तेज धूप का सामना करना पड़ रहा था।

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