प्रयागराज (राजेश सिंह)। शुक्रवार को अति प्राचीन कर्ण तपस्थली श्री बुद्धेश्वर महादेव पीठ सिविल लाइन सूरजकुंड से महादेव प्रतीक अष्टधातु का त्रिशूल लेकर कर्ण पीठ के पीठाधीश्वर, विश्व हिंदू परिषद के अखिल भारतीय मार्गदर्शक मंडल सदस्य परमहंस योगी राजकुमार महाराज अयोध्या को रवाना हुए जिन्हें श्री राम जन्मभूमि न्यास समिति द्वारा विशेष आमंत्रण प्रदान हुआ था। यह त्रिशूल पीठ के व्यवस्था समितियों एवं भक्तों के सहयोग से बनवाया गया। जिसे पीठ के सह व्यवस्था प्रमुख कुनाल ने अपने हाथों से महाराज को प्रदान किया। जहां सैकड़ो कि संख्या में भक्त व पीठ के व्यवस्था टोली के सदस्य थे। चारों तरफ जय श्री राम के नारे लग रहे थे।
महाराज के साथ संगठन के निर्देश पर विश्व योग परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री शिवांश भी उनके साथ अयोध्या रवाना हुए। महाराज और प्रदेश संगठन मंत्री सिवान का उपस्थित भक्तों ने फूल माला और वेस्टन के साथ भव्य विदाई प्रदान किया।
जहां परमहंस योगी राजकुमार महाराज ने कहा भारतीय संस्कृति के विरासत के बहुमूल्य धरोहर श्री राम जन्मभूमि अयोध्या का पुनः दैदीप्यमान होना हम सबके लिए गौरव का क्षण है। हर घर दीपावली की भांति सजेंगे, लोग होली त्यौहार की तरह उत्साहित रहेंगे, चारों तरफ दशहरा का माहौल रहेगा। खिचड़ी त्यौहार की तरह पकवान बनेगा और देश पुनः 15 अगस्त 1947 की आजादी के त्यौहार की भांति सांस्कृतिक आजादी के त्यौहार को मनाएगा। संतों का आंदोलन एवं कार्यकर्ताओं के बलिदान ने सनातन संस्कृति को 500 वर्ष बाद पुनः गौरवान्वित किया है। हमें याद है, किस प्रकार समाज के ही बीच उपस्थित कुछ लोगों के द्वारा श्री राम मंदिर के संबंध में हम सभी को बार-बार कटघरे में रखा जाता था, लोग पूछते थे रामलला के मंदिर की निर्माण की तारीख कब बताएंगे.? कह कर के संतों एवं राम भक्तो को चिढ़ाते थे। आज हम संतों का आंदोलन और त्याग सफल हुआ। जिसमें अजय श्रीवास्तव, अमर बहादुर यादव, अशोक सिंह, मणि शंकर बृजलाल, अनिल सोनकर, कुनाल गुप्ता, ज्ञानेंद्र गुप्ता, धर्मराज तिवारी, सत्य प्रकाश गुप्ता, गौरव तिवारी, आकाश पांडे, प्रत्यूष गुप्ता आदि लोग मौजूद रहे।