रंगों की बौछार और डीजे की धुन पर युवाओं ने किया डांस
मेजा,प्रयागराज। (पवन तिवारी)
क्षेत्र में रंगों का महापर्व होली का त्योहार परंपरागत धूमधाम से मनाई गई। ग्रामीण इलाकों में होलिहारों ने जहां सोमवार,मंगलवार को अबीर गुलाल और रंगो से होली खेली। वहीं होली के दूसरे दिन मंगलवार को मेजा खास बाजार में युवाओं ने मस्ती की बारात निकाल कर रंगों की बौछार से कपड़ा फाड़ होली खेली। होली रंगों की मस्ती और हुडदंग का त्यौहार है। ये होली सबसे अनोखी है क्योंकि यहाँ पर होने वाली होली के रंगों का सुरूर होली खेलने वालों पर कुछ ऐसा सवार होता है कि लोग रंग लगाते-लगाते एक दुसरे का कपडा ही फाड़ देते है। यहां तक कि राहगीरों के भी कपड़े फाड़ दिए जाते हैं। लेकिन होली की मस्ती देखिये कि लोग इसका जरा भी बुरा नहीं मानते और उसके बाद शुरू होता है गाने की धुनों पर नाचने का सिलसिला जो 9 बजे से शुरू होकर दोपहर 2 बजे तक नानस्टाप चलता रहता है।
बता दें कि मेजा की कपड़ा फाड़ होली में युवा की टोली जब सुबह बाजार में निकलती है तो एक दूसरे के ऊपर रंग और गुलाल की बारिश करते हैं और ऊपर से चारों ओर से रंगों की बौछार सोने में सुहागा का काम करती है। ऊपर लटके तारों पर जब नजर पड़ती है तो लोगों के फटे कपडे टंगे नजर आते है और नीचे देखिये तो अर्धनग्न लोगों के ऊपर रंग का शुरूर अपने चरम पर होता है। मेजा की कपडा फाड़ होली बरसों से होती आ रही है।
मेजा में होलिका दहन के अगले दिन छोटी होली जबकि दूसरे दिन बड़ी होली के रूप में त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन केवल बाजार में ही कपड़ा फाड़ होली खेली जाती है। मेजा की कपड़ा फाड़ होली में गांव से भी लोग आते हैं, लेकिन आज तक कभी भी इस जगह होली के दौरान लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ है बाकी सभी लोग एक दूसरे के साथ जमकर होली खेलते हैं।
इस दौरान दो युवा पति पत्नी बनकर रिक्शे पर बैठकर बारात निकाली। जिसमें सभी ने साथ दिया और होली का लुत्फ उठाया। इस मौके प्रमुख रूप से गुड्डू श्रीवास्तव,पंकज मोदनवाल,हिमांशु मोदनवाल,नेहरू सिंह, प्रेम सिंह, रवि सिंह, दिनेश सिंह, टिंकू केशरी, वाली केशरी, भोले प्रजापति और रिंकू गुप्ता आदि शामिल रहे।