मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)।मेजा ऊर्जा निगम परिसर में स्थित आरोग्यम अस्पताल नें सीएसआर विभाग के साथ मिलकर कोहड़ार में एनीमिया (रक्ताल्पता) निवारण शिविर का आयोजन किया।
शिविर में कुल 100 लाभार्थियों ने भाग लिया जिसमे एनीमिया (रक्ताल्पता) की जांच कर उन्हें आइरन अनुपूरक दिए गए, जिससे वह शरीर में आइरन की कमी को दूर कर सकें। साथ ही में उन्हें खानपान द्वारा खून की कमी दूर करने की जानकारी भी दी गयी ; संतुलित आहार एवं स्वच्छता सम्बन्धी पम्फलेट भी बांटे गए।
यह शिविर आरोग्यम अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीषा पांडेय के नेतृत्व में लगाया गया। उन्होनें बताया कि इस पहल का उद्देश्य एनीमिया और अन्य बीमारियों की रोकथाम करना है।
नारी सशक्तिकरण पर ज़ोर देते हुए उन्होनें कहा कि, “नारी तभी पूर्णतः सशक्त बनेगी जब वह तन-मन-धन से सशक्त रहे। जब वह शारीरिक रूप से सशक्त रहेगी ,तभी वह उन्नति करेगी तथा देश की प्रगति में भी अपना अहम योगदान दे पाएगी। इसलिए हमारा यही प्रयास रहता है कि हम उनको पूर्णतः सशक्त बनाए और जिसके लिए हम समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम करते रहते हैं।”
मेजा ऊर्जा निगम नें पहले भी कई ऐसी पहलों को चलाया है जिससे नारी को सशक्त बनाया जा सके। आपको बता दें कि पिछले वर्षों में मेजा ऊर्जा निगम नें महिलाओं पर केन्द्रित बालिका-सशक्तिकरण अभियान, कौशल-विकास प्रशिक्षण, मिशन पिंक पावर एवं अन्नपूर्णा जैसी कई अन्य पहलों को सफलतापूर्वक बड़े पैमाने पर आयोजित कर आसपास के गावों की बालिकाओं एवं महिलाओं को लाभान्वित किया है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश सोनी के नेत्रत्व में मेजा ऊर्जा निगम आने वाले समय पर महिलाओं के लिए कई और ऐसे शिविरों का आयोजन करने जा रहा है जिससे उनका शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक रूप से विकास हो सके।
डॉ मनीषा पांडेय ने बताया की उनके सभी प्रयास मुख्य रूप से महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य, स्तन-कैंसर जागरूकता, गर्भाशय मुख (सर्नीवाइकल) कैंसर उन्मूलन, अनीमिया पर रोकथाम, मासिक-धर्म स्वास्थ्य, यौन-उत्पीड़न बचाव जैसे कई अन्य पहलों पर ही आधारित रहेंगे। आज की किशोरी पर ही आने वाली पीढ़ी का दारोमदार है, अतः उनके उत्थान के लिए अनेक योजनायें हैं।
उन्होनें कहा कि रोज़मर्रा के भागदौड़ में महिलाएं अपना ध्यान रखना भूल जाती हैं। जिसकी वजह से उनमें कई तरह की स्वास्थ्य संबन्धित समस्याएँ कम उम्र में ही पनप रहीं हैं। उसका कारण यह भी है कि वह स्वास्थ्य को लेकर बहुत जागरूक नहीं हैं और कुछ महिलाएं जागरूक होते हुए भी नज़र अंदाज़ करती हैं। जिससे वह शारीरिक रूप से ही नहीं, मानसिक एवं आर्थिक रूप से भी कमजोर होती हैं। साथ ही कामकाजी महिलाओं पर नौकरी एवं गृहस्थी की दोहरी जिम्मेदारी भी होती है।
मेजा ऊर्जा निगम अपने महिला कर्मचारियों के साथ-साथ आसपास के समुदायों की महिलाओं को भी सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और आगे भी रहेगा।