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रेवती रमण ने कांग्रेस से मिलाया हाथ, भाजपा नए सिरे से तैयार कर रही रणनीति

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद इलाहबाद संसदीय सीट से रेवती के पुत्र पूर्व मंत्री उज्जवल रमण सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के संकेत हैं। इसे लेकर भाजपा नई गोटियां खेलने की तैयारी में है। सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की रिपोर्ट और विचार परिवार की राय से इस सीट पर भाजपा सियासतबाजों को चौंका सकती है।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से बढ़ती दूरियों के बीच सियासी जमीन बचाने के लिए दिग्गज नेता रेवती रमण सिंह के कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद भाजपा ने पत्ते फेंटने शुरू कर दिए हैं। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद इलाहबाद संसदीय सीट से रेवती के पुत्र पूर्व मंत्री उज्जवल रमण सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के संकेत हैं। इसे लेकर भाजपा नई गोटियां खेलने की तैयारी में है। सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की रिपोर्ट और विचार परिवार की राय से इस सीट पर 
अबकी बार चार सौ के पार का नारा देने वाली भाजपा उम्मीदवार चयन में किसी तरह की जल्दबाजी या जोखिम नहीं उठाना चाहती है। दिल्ली में तीन तौर की मंत्रणा के बाद कांग्रेस की रणनीति को भांपते हुए भाजपा ने इस सीट को फिलहाल होल्ड कर दिया है। उज्जवल को कांग्रेस की ओर से संभावित प्रत्याशी बताए जाने के बाद अब हर किसी की जुबां पर एक ही सवाल है कि भाजपा इस सीट से किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी। रेवती रमण सिंह की यमुनापार में मजबूत पैठ को देखते हुए चर्चा है कि भाजपा इस सीट से मंझे हुए खिलाड़ी को उतारने की तैयारी कर रही है।
आठ बार विधायक रह चुके हैं रेवती रमण
दरअसल, रेवती रमण सिंह आठ बार विधायक रहे हैं। इसके अलावा इलाहाबाद संसदीय सीट से वह लगातार दो बार लोकसभा पहुंचे। एक बार वह राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। इस वजह से भाजपा उन्हें कमजोर नहीं मान रही है। इसी को देखते हुए पार्टी अब इसी सीट से ऐसे उम्मीदवार का नाम घोषित कर सकती है जो क्षेत्र का जाना पहचाना नाम हो। पार्टी के नेताओं का कहना है कि इस सीट से भाजपा किसी ब्राह्मण उम्मीदवार को उतार सकती है। हालांकि, यह अभी सिर्फ कयासबाजी ही है।
बता दें कि 2004 के चुनाव में केंद्र में एनडीए सरकार होने के बावजूद भाजपा से डाॅ. मुरली मनोहर जोशी इलाहाबाद संसदीय सीट से चुनाव हार गए थे, इसे देखते हुए इस सीट को हल्के में लेने का भाजपा जोखिम नहीं उठा रही है। इसी वजह से पार्टी ने इलाहाबाद के साथ फूलपुर और कौशाम्बी में अपने प्रत्याशी का अंतिम रूप से चयन नहीं किया है।
भाजपा से कई दावेदार कतार में
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां से वर्तमान सांसद डाॅ. रीता बहुगुणा जोशी, पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता, विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधा कांत ओझा, केशरी नाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी, रईस चंद्रा शुक्ला, हरि कृष्ण शुक्ला, डाॅ. एलएस ओझा आदि का नाम टिकट के दावेदारों में चल रहा है।
सांसद रीता की बात करें तो उनके पिता हेमवती नंदन भी इलाहाबाद सीट से सांसद रह चुके हैं। अभिलाषा गुप्ता प्रयागराज से लगातार दो बार मेयर रह चुकी हैं और उनके पति एवं कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी के पिता अशोक बाजपेयी भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। उनका कारोबार भी यमुनापार में ही फैला हुआ है।

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