कोरांव तहसील मुख्यालय पर सुविधाओं का अकाल सालभर पहले से खराब पड़ा है पेयजल वाला फ्रीजर।
कोरांव प्रयागराज (सत्यम तिवारी) सरकार एक बार व्यवस्था बनाने के नाम पर खूब पैसा खर्च करती है, उसके बाद उस व्यवस्था को बनाए रखने पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। इसीलिए अक्सर देखने में आता है कि सरकारी संस्थाओं में पेयजल, शौचालय, पार्किंग इत्यादि की व्यवस्था बदहाल ही मिलती है। यमुनापार की कोरांव तहसील भी इसी तरह की समस्याओं से जूझ रही है। गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। यहां आने वाले लोगों के लिए मुख्य भवन के बगल एक फ्रीजर लगवाया गया है, सुरक्षा के जाली भी लगाई गई है, पर यह फ्रीजर पिछले सालभर से निष्प्रयोज्य पड़ा है। अधिवक्ताओं व वादकारियों का कहना है कि यह फ्रीजर पिछले डेढ़ बरस से खराब पड़ा है, तब से लेकर कई बार शिकायत की गई, पर इसे अब तक चालू नहीं करवाया जा सका। कमोवेश यही स्थिति यहां के वॉशरूम और शौचालय की है। शौचालय की स्थिति ऐसी भी नहीं है कि वहां बिना नाक बंद किए जाया जा सके। जबकि वॉशरूम में लगाए गए वॉश बेसिन में टोंटी ही नहीं है। यह ऐसी सुविधाएं हैं, जिनका दिन में कई-कई बार इस्तेमाल होता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि तहसील प्रशासन आम जन की सुविधाओं पर कितना ध्यान देता है।
शौचालय की हालत ठीक न होने के कारण लोगों को बाहर ही निपटना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत तहसील आने वाली महिलाओं को होती है। इसके अलावा बिजली की वायरिंग भी जगह-जगह उखड़ी पड़ी है। कुछ बल्ब जलते हैं तो कुछ हमेशा के लिए शांत हो चुके हैं। साफ-सफाई के बारे में कुछ पूछने की ही जरूरत नहीं है। खिड़कियों में लगे शीशे और दरवाजे पर यदि कोई टेक लेकर खड़ा हो जाए तो कम से कम पाव भर धूल कपड़े पर चिपक जाती है। यह तहसील मुख्यालय जिला मुख्यालय से 70 किमी के फासले पर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। ऐसे में यहां उच्चाधिकारियों का भ्रमण भी कभी-कभार ही होता है, ऐसे में यहां तैनात अधिकारी पूरी तरह से बेलगाम हैं, जो न तो जन शिकायतों पर ध्यान दे रहे हैं और न ही मुख्यालय पर उपलब्ध कराई गई जनसुविधाओं पर।