मेजा,प्रयागराज।(पवन तिवारी)
क्षेत्र के उमापुर कला में सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा कलश स्थापना के साथ शुभारंभ हो गया। सुबह 8 बजे भारी संख्या में महिला व पुरुष गांव से गंगा तट तक कलश यात्रा निकाली। विद्वान आचार्यों द्वारा कलश स्थापना के बाद कथावाचक आचार्य भोले जी महाराज ने भागवत महात्म्य सुनाते हुए कहा कि जब भी परमात्मा का गुणानुवाद इस पृथ्वी पर होता है या परमात्मा स्वयं आकर यहां पर तरह-तरह की लीलाएं करते हैं तो देवतागण भी पृथ्वी पर जन्म लेने के लिए लालायित रहते हैं। भागवत पुराण कथा को श्रवण करने वाले भक्त निश्चित रूप से मोक्ष को प्राप्त कर लेते हैं। जिस प्रकार राजा परीक्षित श्राप से मुक्त हो गए, अनेकानेक राक्षस और पापी भी उस परमात्मा की कृपा से मुक्ति पा गए ऐसे सभी पुराणों और ग्रंथों में महापुराण की संज्ञा पाने वाला श्रीमद्भागवत पुराण है। वास्तव में श्रोता ही भागवत कथा के प्राण हैं, जिसके कल्याण के लिए इस प्रकार के अनुष्ठान किए जाते हैं।
मुख्य यजमान पन्नालाल द्विवेदी और गुलाब कली द्वारा आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर विश्वनाथ द्विवेदी, शोभनाथ द्विवेदी, शेषनाथ द्विवेदी, राघवेंद्र, रमेंद्र, धीरेंद्र और नरेंद्र सहित भारी संख्या में श्रोता मौजूद रहे।