प्रयागराज (राजेश सिंह)। यमुनानगर क्षेत्र में माफियाओं का एक छत्र राज चल रहा है। बिना नियम के क्रेशर मशीन व खादान चल रहे हैं। आलम यह है कि इन क्रेशर मशीनों से निकलने वाला धूल धुआं क्षेत्र में निवासरत लोगों को धूल के रूप में निकली दूषित हवा सांसों में घुलकर दमा जैसी जानलेवा बीमारियों को निमंत्रण देती नजर आती है। वहीं इसी तरह बारा क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में अवैध रूप से ढोका, पटिया, पत्थर की खदानें लगाकर इन खदानों से निकला बेशकीमती पत्थर बेखौफ वाहनों में लाद कर अन्य प्रदेश में बिक्री कर रहे हैं। लेकिन प्रयागराज जिले के बारा तहसील क्षेत्र में वन एवं खनिज अमले द्वारा इन अवैध खनिज कारोबारियों पर आज तक कोई खास कार्रवाई नहीं की गई। वहीं प्रशासन की अनदेखी में अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। लालापुर की सीमा से लगे बारा तहसील अंतर्गत आने वाले पडुआ प्रतापपुर में सारे नियमों को ताक में रखकर चल रही क्रेशर मशीनें जहां क्षेत्र की आबोहवा प्रदूषित कर रहे हैं। वहीं धरती की कोख को छलनी करते नजर आ रहे हैं। खनिज माफियाओं द्वारा पत्थर तुड़वाकर क्षेत्र के दर्जनों स्थानों पर ढोका, गिट्टी, पत्थर के स्टाक लगाए गए हैं। जहां से खनिज अन्य स्थानों में भेजी जाती है।
बारा तहसील क्षेत्र में चल रहे हैं अवैध उत्खनन तथा मशीनों का उपयोग ग्राम वासियों के लिए जानलेवा बनता जा रहा है। लगातार हो रहे खनन व परिवहन से उड़ती धूल ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है। वैसे तो पूरे जिले में खनिज माफिया का एक छात्र राज कायम है। लेकिन सबसे ज्यादा जिले के बारा तहसील क्षेत्र में खनिज माफिया द्वारा राजस्व जमीन से लेकर जंगल के अंदर खुलेआम नियम कानून को ताक में रखकर पडुआ प्रतापपुर में अमानक स्तर के लगे क्रेशर मशीनें पर्यावरण की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
खनिज विभाग की मिलीभगत बारा तहसील क्षेत्र के लालापुर सीमा क्षेत्र से लगे पडुआ प्रतापपुर में इन दिनों नियम कानून को ताक में रखकर खनिज विभाग की सह पर क्रेशर मशीनें चल रही है। जबकि स्थानीय लोगों की मानें तो इनके संचालकों के पास ना तो विभागीय पर्यावरण प्रदूषण की अनापत्ति है और न ही निर्धारित नियम का पालन किया जाता। फिर भी खनिज विभाग के आला अधिकारियों के सह पर अवैध खदाने संचालित हैं।