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थानों में रात को नहीं रहेगी महिला पुलिस, इंस्पेक्टर की हरकतों के बाद नियमों में बदलाव

SV News

आगरा (राजेश सिंह)। आगरा में आशिक मिजाज इंस्पेक्टर की करतूत पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है। महिला दरोगाओं को ड्यूटी के दौरान क्या- क्या दिक्कतें आती हैं। यह जानने के लिए सोमवार को आगरा में एसीपी एत्मादपुर सुकन्या शर्मा ने महिला दरोगाओं की बैठक बुलाई। इसमें महिला दरोगाओं का दर्द सामने आया। खुलासा हुआ कि सिटी जोन में तैनात एक एसीपी रात को अपने फ्लैट पर अर्दली रूम (ओआर) लेते हैं। घंटों महिला दरोगाओं को खड़ा रखते हैं। बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं देते। इतना ही नहीं कई थाना प्रभारियों के बारे में भी ऐसी ही शिकायतें सामने आई। पुलिस आयुक्त ने सख्त दिशा निर्देश लेख जारी किए हैं। निलंबित हुए इंस्पेक्टर एत्मादुद्दौला दुर्गेश कुमार मिश्रा पर आरोप है कि वह प्रशिक्षु महिला दरोगा को कमरे में सोने बुलाते थे। शिकायत के बाद उन्हें निलंबित किया गया था।

सतर्कता! विशाखा गाइड के बारे में बताया

एसएसआई अमित प्रसाद का भी निलंबन हुआ था। यह मामला प्रदेशभर में छाया हुआ है। पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड के निर्देश पर एसीपी सकुन्या शर्मा ने कमिश्नरेट में तैनात सभी महिला दरोगाओं की बैठक बुलाई। ताकि उन्हें विशाखा गाइड लाइन के बारे में जानकारी दी जाए। बैठक की शुरुआत एत्मादुद्दौला प्रकरण से की गई।

सलाह! किसी से मतलब नहीं रखें

प्रशिक्षु महिला दरोगाओं से कहा गया कि कोई सीनियर उन पर कोई दबाव बनाए तो वह अधिकारियों को बताएं। हमराह में जाने की आवश्यकता नहीं है। किसी कारणवश जाना पड़े तो एक महिला पुलिस और साथ लेकर जाए। किसी सिपाही से ज्यादा मतलब नहीं रखें। कई बार ऐसा होता है कि बाद में पता चलता है कि जिससे दोस्ती हुई वह शादीशुदा है। 

शिकायत! रात को भी बुलाया जाता है हमको

बैठक में महिला दरोगाओं से पूछा गया कि उन्हें किस-किस बात पर आपत्ति है। हिम्मत जुटाकर दो महिला दरोगाओं ने बताया कि एसीपी देर रात अपने फ्लैट पर अर्दली रूम के लिए बुलाते हैं। घंटों रोककर रखते हैं। खुद कुर्सी पर बैठे रहते हैं। उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं देते। अर्दली रूम के लिए रात को अचानक फोन आता है। उस समय वे घर पर होती हैं।

सख्ती! रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को सौंपी गई

मीटिंग हाल में सोफा है। उस पर इंस्पेक्टर बैठ जाते हैं। यह मीटिंग दिन में थाना परिसर में भी ली जा सकती है। देहात के एक थानाध्यक्ष की भी महिला दरोगाओं ने शिकायत की। बताया कि थानाध्यक्ष भी रात 11 बजे बुलाते है। बैठक में जो बाते सामने आई उनकी जानकारी पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड को दी गई। उन्होंने सख्त आदेश जारी किए है।

अब इन नियमों का होगा पालन

• सूर्यास्त के बाद थानों में विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी न लगाई जाए।

• विशेष परिस्थितियों में बाहर रहने वाली महिला पुलिसकर्मी
को ड्यूटी के लिए बुलाया जाना आवश्यक है तो सरकारी वाहन भेज कर ही बुलाया जाए।

• किसी महिला पुलिसकर्मी को थाना प्रभारी अथवा अन्य
किसी अधिकारी के हमराह की ड्यूटी में नहीं लगाया जाए। 

• ड्यूटी में ले जाना आवश्यक है तो कम से कम दो महिला पुलिसकर्मी ले जाएं।

• महिला पुलिसकर्मियों की रात्रि गणना सूर्यास्त से पहले ही कर ली जाए।

• महिला इंस्पेक्टर, महिला दरोगा का अर्दली रूम दिन के समय थाना कार्यालय अथवा एसीपी कार्यालय में ही किया जाए।

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