प्रयागराज (राजेश सिंह)। जिला अदालत ने छह साल पहले पत्नी, ससुर और सात वर्षीय मासूम बेटी की निर्मम हत्या के दोषसिद्ध सौरभ चौरसिया उर्फ उस्मान गनी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला जिला जज संतोष राय की अदालत ने अभियोजन की ओर से पेश दस गवाही, दस्तावेजों पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दिया है।
मामला वर्ष 2018 का है। थाना करेली के अहमद रोड स्थित किराए के मकान में रहने वाले सौरभ चौरसिया उर्फ उस्मान गनी ने अपनी पत्नी सलमा, ससुर युनुस खान और सात साल की सौतेली बेटी एना मर्जिया का गला काट कर बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या की एफआइआर सलमा की छोटी बहन शहनाज खान ने दर्ज कराई थी। तहरीर में कहा था कि सलमा का पहले पति फैजी उर्फ सैयद मुराद अली से आपसी तलाक हुआ था।
इससे दो बेटियां एना मर्जिया और जैनब हुई थीं। इसके बाद सलमा का निकाह धर्म परिवर्तन कर उस्मान गनी बने सौरभ चौरसिया से किया। निकाह के बाद सौरभ पत्नी सलमा, बुजुर्ग ससुर युनुस और सौतेली बेटी एना मर्जिया के साथ किराए के मकान में रहने लगा। कुछ दिन रिश्ते ठीक ठाक चले। करीब दस महीने बाद ससुर की संपत्ति को लेकर झगड़ा शुरू हो गया। 19 मार्च को फोन पर जवाब न मिलने पर बहन से मिलने उसके घर पहुंची शहनाज ने घर के बरामदे ने पिता युनुस का कटा हुआ सिर और कमरे में बहन सलमा और बेटी मर्जिया की कटी हुई लाश देखी।
छह साल बाद अदालत ने सुनाया फैसला
इसके बाद पुलिस को खबर की गई। तिहरे हत्याकांड की खबर पा कर घर पहुंचे सौरभ ने खूब आंसू बहाए। हालांकि, तहकीकात के दौरान पुलिस के खोजी कुत्ते ने सौरभ की ओर इशारा किया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की। इस दौरान सौरभ ने हत्या की बात कुबूल की थी। इस आधार पर पुलिस ने ट्रायल कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। करीब छह साल चले ट्रायल के दौरान अभियोजन की ओर से डीजीसी क्रिमिनल ने दस गवाहों को परीक्षित करवाया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ उपलब्ध सुबूतों के आधार पर बुधवार को जिला जज संतोष राय की अदालत ने सौरभ चौरसिया उर्फ उस्मान गनी ने तिहरे हत्याकांड का दोषी करार दिया।